Pen Ka Avishkar Kisne Kiya पेन का आविष्कार और इतिहास

Pen Ka Avishkar Kisne Kiya

इस पोस्ट Pen Ka Avishkar Kisne Kiya में पेन का आविष्कार किसने किया और पेन का इतिहास की जानकारी है। आविष्कार दुनिया में परिवर्तन लाते है। आज हम टेक्नोलॉजी युग में जी रहे है जो आज तक किये गए विभिन्न आविष्कारों के कारण सम्भव हुआ है। पेन का आविष्कार भी इन्ही में से एक था। प्राचीन समय में लकड़ी से बनी कलम को स्याही लगाकर लिखा जाता था। परंतु पेन के आविष्कार ने लिखाई के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी। तो आइए दोस्तों, पेन का आविष्कार किसने किया (Who Invented Pen In Hindi) इस प्रश्न का जवाब देने का प्रयास करते है।

पेन का आविष्कार किसने किया Pen Ka Avishkar Kisne Kiya –

आधुनिक पेन में सबसे पहले फाउंटेन पेन का आविष्कार हुआ था। वर्ष1827 में रोमानिया के पैट्रिच पोयनारू नामक शख्श ने फाउंटेन पेन का आविष्कार किया था। इस पेन में स्याही भरी जाती थी जो अक्षरों को उकेरने का काम करती थी। इस फाउंटेन पेन से लिखित अक्षरों की स्याही बहुत देर से सूखती थी। फाउंटेन पेन की इस कमी को बॉल पेन का आविष्कार करके पूरा किया गया था। वर्ष 1888 में जॉन जे लाउड ने बॉल पेन का आविष्कार किया था।

जॉन जे के द्वारा बनाये गए इस पेन में भी कमी रह गयी थी। स्याही के अधिक पतला होने पर पेन के टिप से वह निकल जाती थी। वर्ष 1935 में लेजलों बीरो और जॉर्ज नामक दो भाइयों ने बॉल पेन में सुधार किया। उन्होंने प्रिंटिंग प्रेस में इस्तेमाल की जाने वाली स्याही का उपयोग पेन में किया। बॉल पेन सबसे आधुनिक है जो आज भी चलन में है। फाउंटेन पेन आजकल चलन में नही है।

बॉल पेन की निब पीतल या स्टील की बनी होती है। इस पेन की निब पर एक छोटी बॉल होती है जो पेपर पर घर्षण से लेखन करती है। फाउंटेन पेन के इतिहास में लेविस ई वाटरमैन के द्वारा बनाये गए वाटरमैन पेन का जिक्र भी आता है। यह तो आधुनिक पेनों के आविष्कार के बारे में था, अब जानिए पेन का इतिहास।

पेन का इतिहास History Of Pen In Hindi –

पेन का इतिहास (Pen Ka Avishkar Kisne Kiya) बहुत पुराना है। आदिकाल में इंसान पत्थरों से गुफा की दीवारों पर चित्र उकेरता था। ये पत्थर ही मनुष्य की सबसे पहली कलम थी। भारतीय पौराणिक कथाओं में दुनिया की पहली कलम का जिक्र मिलता है। महर्षि वेदव्यास जी ने महाकाव्य महाभारत की रचना कलम से की थी। गणेश जी ने अपना एक नुकीला दांत तोड़कर ताम्र पत्रों पर महाभारत लिखा था।

हंस या बत्तख के के पंखों को कलम के रूप में कई सौ वर्षों तक इस्तेमाल किया गया था। पक्षी के पर का नुकीला भाग स्याही में डुबाकर लेखन किया जाता था। यह लेखन विधि वर्षो तक उपयोग की गई थी। परंतु इस विधि की सबसे बड़ी खामी हंस के पंख का महंगा होना था। आम लोगो तक इस स्याही कलम की पहुंच नही थी।

इतिहास में आता है कि करीब 5 हजार वर्ष पूर्व मेसोपोटामिया सभ्यता के लोगों ने सर्वप्रथम कलम का आविष्कार किया था। लगभग उसी समय में भारत की सिंधु घाटी सभ्यता हड़प्पा और मोहनजोदड़ो के लोगों ने पेन का आविष्कार कर लिया था। प्राचीन समय में लेखन का कार्य ताम्रपत्रों पर किया जाता था। इस समय कागज़ का आविष्कार नही हुआ था। यूनान के लोग चमड़े पर लिखा करते थे।

समय के साथ पेन का स्वरूप आधुनिकता के करीब आने लगा। मिस्र के लोगों ने बांस की लकड़ी का एक सिरा नुकीला बनाकर दूसरे खोखले सिरे में स्याही भर दी थी। यह स्वरूप फाउंटेन पेन के करीब था। यह वह समय था जब कागज का आविष्कार हो गया था।

Fountain Pen Avishkar Kisne Kiya पेन का आविष्कार –

पेन का आविष्कार (Pen Ka Avishkar Kisne Kiya) से लेखन आसान हुआ है। विद्यार्थियों के लिए पेन एक अनिवार्य चीज है। एग्जाम देना हो या होमवर्क करना हो, पेन का उपयोग हर जगह है। पेन या कलम दुनिया में बदलाव और इंकलाब लाने की शक्ति रखती है। वर्तमान में भी पेन पहले जितना ही उपयोगी है। आजकल डेटा को कंप्यूटर में टाइप करके लिखा जाता है। कंप्यूटर के जमाने में भी पेन अपना अस्तित्व बनाये हुए है।

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