इस पोस्ट Information About Gulmohar Tree In Hindi में गुलमोहर का फूल (Gulmohar Flower) और गुलमोहर का पेड़ की रोचक जानकारी दी गई है। गुलमोहर का पेड़ और इसके फूल बाग की सुंदरता को बढ़ाते है। गुलमोहर के लाल फूलों की खूबसूरती देखते ही बनती है। गुलमोहर विश्व के सबसे सुंदर पेड़ो में से एक है। गुलमोहर का पेड़ बाग बगीचों में अक्सर देखने को मिल जाता है। तो आइये दोस्तों, गुलमोहर के बारे में जानकारी जानने का प्रयास इस आर्टिकल “Gulmohar Tree Information In Hindi” में करते है।
गुलमोहर का पेड़ की जानकारी Gulmohar Tree In Hindi
1. गुलमोहर (Gulmohar) एशिया, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका महाद्वीप के विभिन्न भागों में मिलता है। सामान्यता ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, श्रीलंका, नाइजीरिया इत्यादि देशों में बहुतायत से पाया जाता है।
2. गर्म प्रदेशों में यह पेड़ पाया जाता है। गुलमोहर ट्री को पनपने के लिए गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है। गुलमोहर के लिए श्रेस्ठ उष्णकटिबंधीय जलवायु है। इस पेड़ को सीधे सूर्य की गर्मी चाहिए होती है।
3. गुलमोहर को बढ़ने के शुरुआती सालों में पानी की अधिक जरूरत होती है। बाद में कम पानी में भी यह पेड़ Survive कर लेता है। गुलमोहर की जड़ें ज्यादा गहरी नही जाती है परन्तु इनका फैलाव अधिक होता है।
4. भारत देश में भी गुलमोहर का पेड़ पाया जाता है। जंगलों में खासकर इस पेड़ को देखा जा सकता है। भारत देश में गुलमोहर का पेड़ करीब 200 वर्ष पहले ब्रिटिश लाये थे।
5. गुलमोहर लाल और पीले फूलों वाला पेड़ है जो अमूमन बागों में मिल जाता है। यह एक छायादार पेड़ भी है जो गर्मियों में पशु पक्षियों को छांव देता है। इस पेड़ की घनी छाया में शीतलता का अनुभव होता है।
6. आकर्षक गुलमोहर का पेड़ भारत के कई हिस्सों में पाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता देते है की गुलमोहर पेड़ का वैज्ञानिक नाम डेलोनिक्स रेजिया (Delonix Regia) है।
7. गुलमोहर का मूल स्थान मेडागास्कर के जंगल है। इसी जंगल में गुलमोहर पेड़ की उत्पत्ति मानी जाती है। 16 वीं सदी में पुर्तगालियों ने इस पेड़ को मेडागास्कर में खोजा था।
8. इस पेड़ की ऊंचाई 20 से 50 फ़ीट तक होती है। सामान्यता 20 से 30 फ़ीट ही गुलमोहर का पेड़ बढ़ता है। इसकी शाखाएं फैली हुई होती है जिन पर पत्तियां सालभर लगी रहती है। गुलमोहर की शाखाएं कमजोर होती है जिससे तेज हवा में टूट जाती है।
गुलमोहर का फूल Gulmohar Flower Information In Hindi
9. गुलमोहर (Gulmohar Flower) को स्वर्ग का फूल भी कहा जाता है। फ्रांसीसी लोगों ने गुलमोहर को यह नाम दिया था। सुंदरता के कारण ही गुलमोहर को स्वर्ग का फूल (Flower Of Heaven) कहा जाता है।
10. गुलमोहर की विशेषता होती है कि इस पर पत्तियों से ज्यादा फूल आते है। गर्मियों के सीजन में अक्सर इसके घने फूलों को देखा जा सकता है।
11. नवंबर आते आते गुलमोहर से फूल गायब हो जाते है। लाल फूलों से घिरा हुआ पेड़ फूलों से रिक्त हो जाता है। केवल गर्मियों में ही इस पेड़ पर फूल देखे जा सकते है। भारत में मई माह से अक्टूम्बर माह तक गुलमोहर पर फूल होते है।
12. गुलमोहर वृक्ष पर फूल करीब 5 साल बाद लगते है। इसकी आयु 5 वर्ष की होने पर ही फूल लगने शुरू होते है।
13. गुलमोहर पेड़ पर लाल रंग के फूल लगते है। लाल रंग के अलावा गुलमोहर के फूलों का रंग नारंगी या पीला भी होता है। फूल जितने सुंदर होते है उतने ही सुगन्धित भी होते है।
14. फूल पेड़ पर गुच्छों में लगते है। फूलों का आकार करीब 15 सेंटीमीटर तक होता है। पेड़ पर फूल इतने ज्यादा होते है कि गुलमोहर पर पत्तियों की जगह केवल फूल ही दिखाई पड़ते है।
15. गुलमोहर फूल में पांच पंखुड़ी होती है। इन्ही पांच पंखुड़ी से सुंदर लाल नारंगी फूल बनता है। एक पंखुड़ी पर पीले या सफेद रंग के चकते होते है। बाकी की चार पंखुड़ियां लाल रंग की समान होती है।
16. गुलमोहर की पत्तियां हरे रंग की होती है। पत्तियों का आकार छोटा होता है। इस पेड़ पर फलियां लगती है जो सूखने के बाद पेड़ से गिर जाती है। फलियों में भूरे रंग के बीज होते है। बीज थोड़े सख्त होते है।
गुलमोहर का पौधा Gulmohar Plant Information
17. गुलमोहर पेड़ पर फूलों का रसपान करते हुए अक्सर मधुमक्खियां दिख जाती है। गुलमोहर के फूलों के रस से शहद का निर्माण मधुमक्खी करती है। इन सुगन्धित फूलों से तितलियां भी रसपान करती है।
18. गुलमोहर के पेड़ को संस्कृत भाषा में कृष्ण चूड़ भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म में भगवान कृष्ण जी के मुकुट का श्रृंगार गुलमोहर से करने की परंपरा भी है। पुराने समय में इसे राजसी आभूषणों से अलंकृत वृक्ष भी कहा जाता था।
19. अंग्रेजी में इसे “Flame Tree” भी कहा जाता है। क्योंकि लाल फूलों से अटा हुआ यह पेड़ लाल रंग की ज्वाला की भांति दिखाई पड़ता है। इसे जंगल की आग भी कहते है।
20. गुलमोहर का पेड़ सजावट के तौर भी इस्तेमाल किया जाता है। अक्सर सड़कों के किनारों पर गुलमोहर के पेड़ दिख जाते है। बाग बगीचों में भी यह पेड़ लगाया जाता है। फूलों की खूबसूरती के कारण यह पेड़ बहुतायत से लगाया जाता है।
21. गुलमोहर के फूलों का आर्युवेद में भी काफी महत्व है। इसके फूलों से कई प्रकार की औषधियां बनाई जाती है। इस पेड़ की छाल और पत्तियां भी औषधीय गुण लिए होती है।
22. यह पेड़ बीज या कलमी विधि से उगाया जाता है। जंगलो में गुलमोहर का पेड़ परागण के द्वारा अपने आप उगता है। परंतु बाग बगीचों में इसे बीज या कलमी विधि के द्वारा उगाया जाता है।
23. गुलमोहर पेड़ का औसत जीवनकाल करीब 50 वर्ष का होता है।
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