इस लेख Coconut Tree Information In Hindi में नारियल का पेड़ की रोचक और उपयोगी जानकारी दी गयी है। नारियल का पेड़ जिसे अंग्रेजी भाषा में “Coconut Tree” भी कहा जाता है। यह एक बहुउपयोगी पेड़ है जिस पर लगने वाला फल नारियल अपने पौष्टिक गुणों के कारण प्रसिद्ध है। दिखने में सुंदर नारियल के पेड़ की जानकारी (Nariyal Ka Ped In Hindi) संक्षिप्त परिचय के रूप में यहां दी गयी है।
नारियल का पेड़ की जानकारी – Coconut Tree Information In Hindi
दोस्तों आगे आर्टिकल में नारियल के पेड़ (Coconut Tree Information Hindi) की विस्तृत जानकारी में Origin, Species, Parts, Coconut Fruit, Importance and Uses को बताया गया है।
1. नारियल के पेड़ कहां पाए जाते है? –
नारियल के पेड़ भारत समेत दुनिया के कई क्षेत्रों में मिलते है। ज्यादातर नारियल के पेड़ समुद्र किनारे पाये जाते है। इन तटीय क्षेत्रों में भारत के केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे राज्य आते है। मुम्बई और गोवा में भी नारियल के पेड़ बहुतायत है। भारत के अलावा मालदीव, मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, ब्राजील, श्रीलंका जैसे देशों में भी नारियल के पेड़ पाये जाते है।
विश्वभर में भारत नारियल उत्पादन की श्रेणी में तीसरे नम्बर पर आता है। प्रथम स्थान पर इंडोनेशिया जबकि दूसरे पर फिलीपींस है जहां सबसे ज्यादा नारियल उत्पादन किया जाता है। वेदों में नारियल पेड़ का जिक्र आता है और इसे कल्पवृक्ष कहा गया है। नारियल के पेड़ का वानस्पतिक नाम या वैज्ञानिक नाम कोकास न्यूसिफेरा है।
2. नारियल पेड़ की किस्में (Nariyal Ka Ped In Hindi)
यह पाम प्रजाति का वृक्ष है जो अपनी अत्यधिक ऊंचाई के कारण जाना जाता है। नारियल पेड़ की ऊंचाई 30 मीटर तक जाती है। वैसे दोस्तों कुछ किस्म के नारियल पेड़ 15 से 20 फुट तक के भी होते है।
इनकी मुख्य नस्लों में बौने नारियल पेड़ (Dwarf Coconut Tree) आते है जो करीब 20 फुट तक ही बढ़ते है। इनका जीवन काल भी सामान्य से बहुत कम होता है। बौने पौधों में Orange Coconut, Malayan Coconut, Figi Coconut जैसी किस्में आती है। दूसरे मुख्य नारियल पेड़ो को Tall Coconut Palm Tree कहा जाता है। इनकी ऊंचाई 30 मीटर तक जाती है। बौने प्रजाति की तुलना में फल देरी से लगते है। इनकी आयु करीब 100 साल तक जाती है।
3. नारियल वृक्ष के मुख्य भाग (Parts Of Coconut Tree In Hindi)
नारियल पेड़ के मुख्य भागों में तना, पत्तियां, फूल, फल और जड़ आते है। फल मुख्यतः खाने के काम आता है। तना फर्नीचर और पत्तियां टोकरी, झाड़ू या चटाई बनाने में उपयोग आती है।
नारियल का तना मजबूत होता है जो अत्यधिक ऊंचाई के बावजूद वृक्ष को सीधा खड़े रखता है। कठोरता के साथ तने में लचीलापन भी होता है। इस पेड़ की जड़ें काफी गहराई में जाती है। नारियल में रेशेदार जड़ प्रणाली होती है जो इसे जमीन से बांधे रखती है।
नारियल का पेड़ शाखारहित होता है। इस पेड़ पर काफी ऊंचाई के बाद फल लगते है। नारियल तने के सबसे ऊपरी भाग पर पत्तियो का मुकुट रूपी गुच्छा होता है। फल भी इन्ही में लगते है। नारियल पर नोकदार कम चौड़े कई पत्ते होते है। एक पत्ते पर 200 से अधिक पत्रक होते है। नारियल के तने से पत्तियां हटने पर निशान छोड़ जाती है।
नारियल पर मादा और नर दो तरह के फूल लगते है। मादा फूल थोड़ा बड़ा होता है। नारियल का पेड़ एक वर्ष में 30 के करीब फलों का उत्पादन करता है। नारियल का फल शुरुआत में हरे रंग की खोल लिए होता है। बाद में भूरे रंग का हो जाता है। नारियल का खोल बहुत सख्त होता है जिसके अंदर सफेद रंग की गिरी (खोपरा) होती है। इस गिरी में पानी भी भरा होता है। यह खाने में मीठी और स्वादिष्ट लगती है। कच्चे हरे नारियल में गिरी नही होती, केवल पानी और मलाई होती है।
4. नारियल का पेड़ कितने दिन में फल देता है?
Tall Coconut Tree करीब 4 साल बाद फल देता है। जबकि बौना पेड़ 2 साल के बाद ही फल देना शुरू कर देता है। यह पेड़ एक वर्ष में करीब 30 से 40 फल देता है। गर्मियों के सीजन में नारियल वृक्ष पर सबसे अधिक फल लगते है। यह करीब मार्च से अगस्त तक का समय होता है। वैसे दोस्तों नारियल के पेड़ पर फल तो वर्षभर रहते है।
नारियल के पेड़ को पनपने के लिए गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है। उष्णकटिबंधीय क्षेत्र नारियल के लिए श्रेस्ठ माने जाते है। इसे बढ़ने के लिए पानी की भी अत्यधिक आवश्यक रहती है।
5. नारियल का धार्मिक महत्व
नारियल का भारतीय संस्कृति में अत्यधिक महत्व है। देवी देवताओं की पूजा अर्चना करने के लिए नारियल का फल विशेष महत्व रखता है। नए व्यापार की शुरुआत हो या फिर नया घर या वाहन लिया हो, नारियल फोड़ना शुभ माना जाता है। एक तरह से कहे तो हर शुभ कार्य की शुरुआत नारियल से की जाती है।
हिन्दू धर्म में नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। नारियल को भगवान शिव का प्रतीक माना गया है। नारियल की खोल पर बने तीन छेद भगवान शिव के त्रिनेत्र के समान माने जाते है। इसलिए नारियल एक पवित्र फल है।
नारियल का पेड़ के फायदे और उपयोग – Coconut Tree Information And Essay Hindi
1. इस पेड़ का प्रत्येक भाग उपयोगी होता हैं। वृक्ष के तने से कई प्रकार के फर्नीचर बनाये जाते है। नारियल के पत्तों का इस्तेमाल घर की छतों में किया जाता है। पुराने जमाने में नारियल के तने से नावें भी बनाई जाती थी।
2. नारियल का फल धार्मिक महत्व के साथ स्वास्थ्य वर्धक फायदे भी रखता है। इस फल में विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन, फाइबर्स जैसे कई पोषक तत्व पाये जाते है। नारियल में मौजूद पानी पीने से शरीर में ग्लूकोज और पानी की कमी दूर होती है।
3. नारियल के वृक्ष में सबसे महत्वपूर्ण भाग उसका फल है। इस फल का उपयोग तेल बनाने में होता है। नारियल तेल (Coconut Oil) का इस्तेमाल तटीय क्षेत्रों के निवासी खाना बनाने में किया करते है। वैसे नारियल तेल त्वचा और बालों के लिए भी काफी फायदेमंद रहता है।
4. नारियल खोल के रेशों से मजबूत रस्सियां बनाई जाती रही है। घरों में फर्श पर बिछाने के लिए चटाई भी नारियल के रेशों से बनाई जाती है। पुराने जमाने में नारियल की खोल के बर्तन भी बनाये जाते थे। हाथ से चलने वाला पंखा, टोकरी इत्यादि भी नारियल के रेशों से बनाई जाती है।
5. मिठाइयां बनाने में भी नारियल का उपयोग किया जाता है। नारियल की बनी बर्फी का स्वाद तो क्या कहिये – लाजवाब! नारियल की चटनी भी बनती है खासकर दक्षिण भारत के इलाकों में नारियल की चटनी काफी प्रसिद्ध है।
गुणों से भरपूर और उपयोगी पेड़ होने के कारण नारियल को जीवन का पेड़ भी कहा जाता है।
Note – दोस्तों, नारियल का पेड़ के बारे में सामान्य जानकारी इस लेख Coconut Tree Information In Hindi में आपको कैसी लगी? यह आर्टिकल “Nariyal Ka Ped Information In Hindi” अगर पसंद आया हो तो इसे फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर जरूर करे।
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