इस लेख Benefits And Information Of Rohu Fish In Hindi में रोहू मछली क्या है? रोहू फिश खाने के फायदे की जानकारी दी गयी है। दोस्तों, मछली भोजन के रूप में दुनियाभर में खायी जाती है। अगर आप मछली खाने के शौकीन है तो रोहू मछली का नाम आपने जरूर सुना होगा। मत्स्यपालन में रोहू मछली भी पाली जाती है।
रोहू मछली खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है और साथ ही पौष्टिक गुणों से भरपूर है। रोहू फिश क्या है? (Rohu Fish Information) रोहू कहां पायी जाती है? रोहू मछली खाने के फायदे पर रोचक जानकारी आगे के पैराग्राफ में पढ़ेंगे।
रोहू मछली के बारे में जानकारी – Rohu Fish Information In Hindi
1. रोहू मछली मीठे पानी के स्रोतों में पायी जाती है। ताजे पानी के स्रोत जैसे कि तालाब, नदी इत्यादि में रोहू मछली मिल जाती है। वैसे आजकल बायोफ्लॉक प्लांट के जरिये भी रोहू मछली का पालन किया जाता है।
2. रोहू फिश की औसत लम्बाई सामान्यतः 1 से 2 फुट तक रहती है। परंतु कुछ Rohu Fish की लंबाई 5 से 7 फुट तक बढ़ जाती है। 1 किलोग्राम से लेकर 40 किलोग्राम तक की रोहू मछली तालाबों और नदियों में मिल जाती है। वैसे 1 से 2 किलोग्राम वजन होने पर इन्हे मार्किट में बेच दिया जाता है।
3. आप तो जानते ही है कि मछली का श्वसन अंग गिल्स होते है। गलफड़ों के अंदर की तरफ गिल्स पाये जाते है। रोहू का श्वसन अंग भी गिल्स ही है। इस मछली को भी सांस लेने के लिये पानी की सतह पर आना पड़ता है।
4. रोहू पर अन्य मछलियों की तरह ही शरीर पर शल्क पाये जाते है। इसके सिर और फिन पर शल्क नही होते है। शल्क का कार्य मछली की बाहरी खतरों से सुरक्षा करना है। इसका शरीर भी अन्य मछलियों की तरह ही सिर, धड़ और पूछ में बंटा हुआ है। दोस्तों रोहू फिश के फिन भी होते है जो तैरने में सहायता करते है। फिन का रंग गुलाबी या स्लेटी होता है। मछली के फंख को फिन कहा जाता है।
5. यह एक Vertebrate (पृष्ठवंशी) हड्डी युक्त कंकाल वाली मछली है। इसका शरीर मुंह की तुलना में काफी बड़ा होता है। इस मछली का रंग सिल्वर ब्लैक होता है। रोहू मछली के पेट का हिस्सा चांदी के रंग का है जबकि ऊपरी भाग हल्का काला रंग लिए होता है।
6. रोहू के शरीर की बनावट भी अन्य मछलियों की तरह ही होती है। इसका सिर तिकोना जबकि शरीर नाव की तरह बनावट लिये होता है। यह भी एक कारण है कि इसे तैरने में ज्यादा आसानी रहती है।
7. रोहू मछली का वैज्ञानिक नाम लेबियो रोहिता है। दोस्तों, रोहू मछली कार्प (Carp) फैमिली से ताल्लुक रखती है। अन्य कार्प मछलियों में कॉमन कार्प, ग्रास कार्प, सिल्वर कार्प, कतला, मेजर कार्प, गोल्डन कार्प इत्यादि फिश आती है।
रोहू मछली पालन कहां किया जाता है? Rohu Fish Farming
1. भोजन के रूप में रोहू फिश दुनियाभर में खायी जाती है। भारत में उड़ीसा, बंगाल, असम, यूपी, बिहार इत्यादि क्षेत्रों में रोहू मछली का पालन और भोजन किया जाता है। भारत के अलावा बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी रोहू फिश का उत्पादन किया जाता है। एक तरह से कहे तो तो यह मछली दक्षिण एशिया में मुख्यतः फार्म की जाती है।
2. रोहू मछली का पालन भी व्यापक पैमाने पर किया जाता है। स्वास्थवर्धक फायदे और पोषक तत्वों से भरपूर मात्रा रोहू को भोजन के लिए सबसे उपयुक्त मछली बनाता है। यह तेजी से बढ़ने वाली मछली है जिससे रोहू की फार्मिंग ज्यादा की जाती है। मार्केट में अत्यधिक मांग के कारण रोहू की कीमत 300 से 600 रुपया प्रति किलोग्राम तक होती है। वैसे दोस्तों, रोहू मछली की कीमत में कमी और तेजी आती रहती है।
3. रोहू वर्ष में एक बार अंडे देती है जिनसे बच्चें निकलते है। वर्षा ऋतु में यह मछली अंडे देती है। वैसे ज्यादातर मछलियां बारिश के मौसम में ही अंडे देती है। इन अंडो की औसत संख्या 2 से 3 लाख के करीब होती है।
4. अंडो से बच्चें निकलते है जो पानी में मौजूद प्राकृतिक भोजन को खाकर ग्रोथ करते है। मछली पालन के लिए विशेष तैयार फार्म पोंड में भोजन की पूर्ति के लिए अलग से फ़ूड डालना पड़ता है। सर्दी के मौसम में रोहू मछली आकार में बड़ी हो जाती है। रोहू फिश को जाल में पकड़ने के लिए यही सही समय होता है।
5. दोस्तों, रोहू फिश केवल चंद महीनों में ही करीब 1 किलोग्राम तक हो जाती है। इसलिए मछुआरों के लिए रोहू फिश की फार्मिंग अच्छा आइडिया है।
रोहू मछली का चारा या भोजन क्या है?
मछली का आहार मुख्यत तालाब और नदियों में पाये जाने वाले अपशिष्ट प्रदार्थ होते है। यह पानी में मिलने वाले जलीय पौधों, एल्गी और शैवालों को खाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दु की रोहू मछली जल स्रोत के मध्य भाग से भोजन ग्रहण करती है। शुरुआती लाइफ स्टेज में रोहू फिश Zooplankton खाती है। विषमलैंगिक अति सूक्ष्मजीव जो पानी में तैरते हुए मिलते है वो Zooplankton कहलाते है।
Rohu Fish Feed – Hi – Pro Feed For Fish Farming
रोहू मछली खाने के फायदे क्या है? Rohu Fish Benefits In Hindi
1. रोहू मछली में कई सारे विटामिन और मिनरल्स पाये जाते है। यह फिश विटामिन C का रिच सोर्स है। जिंक, पोटैशियम, कैल्शियम जैसे खनिज तत्व रोहू में मिलते है। इसमें आयोडीन भी होता है जो की एक आवश्यक तत्व है। अन्य मछलियों की तरह रोहू में भी प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है।
2. डॉक्टर अक्सर ओमेगा 3 की पूर्ति के लिए मछली खाने की सलाह देते है। रोहू फिश ओमेगा 3 फैटी एसिड्स का भरपूर स्रोत है।
3. रोहू मछली खाने से शरीर का फैट नही बढ़ता है जिससे वजन नियंत्रित रहता है। इसका कारण रोहू में वसा की कम मात्रा होना है। अगर आप वजन कम करने की सोच रहे है तो आज ही अपने आहार में रोहू मछली को शामिल करें।
4. दोस्तों आप जानते ही है कि विटामिन सी वाले फ़ूड खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। रोहू में विटामिन सी होने से यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। अगर आप सर्दी खांसी से पीड़ित है तो आज ही रोहू मछली को अपने आहार में शामिल कीजिये।
5. इसमें प्रोटीन होता है जो शरीर को ताकत और मजबूत बनाता है। रोहू ओमेगा 3 का रिच सोर्स है जिससे दिल की बीमारियों में यह बहुत फायदेमंद होती है।
रोहू फिश से कई प्रकार के व्यंजन बनाये जाते है। इनमें रोहू फिश फ्राई, रोहू फिश करी, तंदूरी फिश टिक्का, फिश राइस इत्यादि प्रमुख है। अगर आप मांसाहारी है तो रोहू फिश की डिशेज़ ट्राई कर सकते है।
Note – Rohu Fish Information In Hindi लेख में रोहू मछली की रोचक जानकारी, रोहू फिश खाने के फायदे क्या है? रोहू मछली का चारा और मछली पालन की जानकारी आपको कैसी लगी? अगर यह आर्टिकल “Rohu Fish In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी करे।
यह भी पढ़े –
thank you for knowledge
Thnks for knowledge sir