Rh Factor क्या होता है, खोज और प्रभाव Rh Factor In Hindi

Rh Factor क्या होता है? Rh Factor की खोज किसने की थी? इन प्रश्नों के उत्तर इस पोस्ट What Is Rh Factor In Hindi में दिये गए है। रक्त समूह में विशेष एंटीजन की उपस्थिति और अनुपस्थिति के आधार पर आरएच कारक का निर्धारण होता है। A, B, AB, O ब्लड ग्रुप के Positive + या Negative – आरएच कारक पर निर्भर है। तो आइए दोस्तों “Rh Blood Group System” क्या है और इसका गर्भावस्था पर क्या प्रभाव है? इनके बारे में संक्षिप्त जानकारी देने का प्रयास है।

What Is Rh Factor In Hindi

आरएच कारक क्या है What Is Rh Factor In Hindi

Rh Factor लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की सतह पर पाया जाने वाला एक विशेष प्रोटीन है। अगर यह प्रोटीन RBC (Red Blood Cells) में उपस्थित है तो ब्लड Rh+ Positive होता है। इसके उलट अगर प्रोटीन उपस्थित नही है तो ब्लड Rh- Negative होगा। इस प्रोटीन को RhD एंटीजन भी कहते है। यह एंटीजन मनुष्य के रक्त में होने पर आरएच Positive है जबकि एंटीजन नही होने पर आरएच Negative होता है।

इसके आधार पर ही Human Blood Group A+ (Positive) या A- (Negative) होता है। ठीक इसी तरह से B+, B-, AB+, AB-, O+, O- होता है।

पूरी दुनिया में Rh+ रक्त समूह वाले ज्यादा है जबकि Rh- रक्त समूह बहुत कम लोगो में मिलता है। आरएच Negative ब्लड ग्रुप वाली महिलाओं को गर्भावस्था में दिक्कत होती है। अगर पुरुष आरएच Positive है तो गर्भावस्था में विशेष सावधानी रखनी पड़ती है। आरएच Negative महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा अगर आरएच Positive है तो ज्यादा दिक्कत आती है।

आरएच नेगेटिव महिला और आरएच पॉजिटिव पुरुष से पैदा हुआ बच्चा अगर Rh- है तो कोई दिक्कत नही आती है। क्योंकि महिला और बच्चे का ब्लड ग्रुप समान होता है। परन्तु अगर बच्चा Rh+ है तो प्रसव से पूर्व महिला को एन्टी D इंजेक्शन देना होता है। ऐसा ना करने पर बच्चे को खतरा हो सकता है। इसलिए रक्त समूह की जांच आवश्यक है।

गर्भावस्था में Rh Incompatibility क्या है?

आरएच Negative माता और आरएच Positive बच्चें का खून गर्भ में सम्पर्क में आने पर माँ के शरीर में एंटीबॉडी बनने लग जाती है। इससे बच्चें की लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) को नुकसान होता है। इस कारण बच्चे में एनीमिया हो सकता है। इस समस्या को रोकने के लिए गर्भवती महिला को RhIG (Rh Immune Globulin) का इंजेक्शन लगाया जाता है। इससे महिला के शरीर में एंटीबॉडी का बनना रुकता है।

गर्भ धारण करने में आरएच कारक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसी कारण कुंडली मिलाने से ज्यादा जरूरी ब्लड ग्रुप जांचना है। दुनिया के ज्यादातर लोगों के ब्लड ग्रुप में आरएच पाया जाता है। कुछ फीसदी लोग ही आरएच Negative होते है यानिकि उनके रक्त में आरएच एंटीजन नही होता है।

Rh Factor Test से आरएच एंटीजन का पता लगाया जाता है। आरएच कारक Test करवाना जरूरी है। क्योंकि रक्त समूह का पता लगने के बाद ही किसी दूसरे व्यक्ति को खून चढ़ाया जा सकता है। बिना आरएच Factor टेस्ट किये खून चढ़ाने पर जान का खतरा रहता है।

Rh Factor Ki Khoj Kisne Ki Thi?

आरएच कारक या एंटीजन की खोज ऑस्ट्रिया के वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर ने की थी। आप की जानकारी के लिए बता देते है कि इन्होंने ही ब्लड ग्रुप की भी खोज की थी। कार्ल लैंडस्टीनर ने Rh Factor की खोज रिसिस (Rhesus) नामक बंदर में की थी। उन्होंने बंदर के रक्त में विशेष प्रकार का प्रोटीन खोजा था।

“Rhesus” नाम के शुरुआती दो अक्षरों पर ही इस फैक्टर का नाम रखा गया है। इसी प्रोटीन के रक्त में पाए जाने पर ही आरएच कारक Decide होता है। इस प्रोटीन को उन्होंने RhD एंटीजन कहा जो ब्लड ग्रुप के लिए बेहद Important है। कार्ल लैंडस्टीनर को वर्ष 1930 में अपनी इस महान खोज के लिए नोबेल पुरस्कार भी मिला था।

Rh Factor की सामान्य जानकारी In Hindi

1. एक रीसर्च के अनुसार आरएच नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाले इंसान इस धरती के नही है। रीसर्च का मानना है कि केवल कुछ प्रतिशत लोगों के ब्लड में ही आरएच नही पाया जाता है। दोस्तों यह केवल एक थ्योरी है जो गलत भी हो सकती है।

2. पूरी दुनिया में करीब 85 फीसदी लोगों के रक्त में RhD एंटीजन मिलता है। यानिकि दुनिया के ज्यादातर लोग आरएच पॉजिटिव है। आरएच नेगेटिव लोगों में सबसे कम लोग O- वाले होते है।

3. यह Factor बच्चों में माता पिता से आता है। आरएच Negative माता के गर्भ में पल रहे बच्चे का रक्त समूह आरएच Negative है तो विशेष ध्यान की आवश्यकता रहती है। इस तरह की समस्या पहली गर्भावस्था में अक्सर नही देखी जाती है। दूसरी बार गर्भधारण करने पर समस्या आती है।

4. आरएच Negative रक्त समूह वाले लोगों को ब्लड डोनेट करते रहना चाहिए। इससे यह Blood हमेशा उपलब्ध रहता है। इसलिए कहते है कि रक्तदान महादान है।

5. AB + रक्त समूह वाला किसी भी अन्य रक्त समूह का ब्लड ले सकता है। इसे सर्वग्राही रक्त समूह भी कहते है। O – रक्त समूह वाले लोगों को सर्वदाता रक्त समूह कहा जाता है। ये किसी को भी रक्त दे सकते है।

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Note – इस पोस्ट What Is Rh Factor In Hindi में आरएच कारक क्या होता है? Rh Factor की खोज किसने की थी? और गर्भावस्था में Rh Incompatibility क्या है? पर जानकारी आपके लिए ज्ञानवर्धक रही होगी। यह आर्टिकल “Rh Blood Group System In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी करे।

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