योग का महत्व पर निबंध लेखन | Essay On Yoga In Hindi

योग पर निबंध (Essay On Yoga In Hindi Importance) लेखन अक्सर विद्यालयों में स्टूडेंट्स को दिया जाता है। योग क्या है, योग के प्रकार, योगासन, योग के फायदे इत्यादि विषयों पर विस्तृत निबंध की आवश्यकता रहती है। यहां पर योग पर निबंध को विस्तारपूर्वक और उपयोगी जानकारी के साथ बताया गया है।

योगा भारतीय संस्कृति से जुड़ी हुई है। दुनिया को योग भारत ने ही दिया है। यह एक तरह का व्यायाम है जो प्राचीनकाल से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। मानसिक और शारीरिक विकास के लिये योगासन करना बेहतर माना जाता है। नियमित योग करने से कई बीमारियां शरीर से दूर रहती है। वर्तमान में योग ना केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में प्रचलित है। तो आइये दोस्तों योग पर निबंध लेखन (Essay On Importance Of Yoga In Hindi) का विस्तृत प्रयास करते है।

Essay On Yoga In Hindi

योग का महत्व पर निबंध – Essay On Yoga In Hindi

योग (Yoga) का भारत के आध्यात्मिक ज्ञान से जुड़ाव रहा है। योग भारत की जीवन शैली है। हिन्दू, जैन, बौद्ध धर्म में योग प्राचीन समय से ही प्रचलित है। ऋषि मुनि भी योग किया करते थे। योग का उल्लेख प्राचीन हिन्दू धर्म ग्रन्थ ऋग्वेद में मिलता है। गीता में भी योग का जिक्र मिलता है। सिंधु घाटी सभ्यता की खुदाई में मिले अवशेष भी इस और इशारा करते है कि योग का भारत में प्राचीन इतिहास रहा है। भारत में हजारों सालों से योग किया जा रहा है। योग की शुरुआत का पता नही है बस इतिहास में अंदाजा ही है कि करीब 5000 साल पहले इसकी शुरुआत हुई थी।

इस विद्या में भगवान शिव को आदियोगी माना जाता है। भगवान बुद्ध ने भी योग को बताया था और भगवान महावीर ने भी। योग को सुव्यवस्थित करने का श्रेय महर्षि पंतजलि को जाता है। उन्होंने योग के अष्टांग सूत्र बताये थे जो आज प्रचलित है।

योग का जनक महर्षि पतंजलि को ही माना जाता है। उन्होंने ही योग को परिभाषित किया था उनके अनुसार चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है। पतंजलि ने योग के 8 सूत्र बताये थे। महर्षि पंतजलि ने योगसूत्र ग्रन्थ में योग की महत्ता बताई थी। जीवन में सफलता के लिए मन, आत्मा और शरीर को साधना जरूरी है। यही योग है।

योग एक जीवन दर्शन है जो हमें स्वस्थ जीवन जीना सिखाता है। योग एक उद्देश्य है जो जीवन में शांति का प्रवाह करता है। योग करने से मन पूरे दिन आनंदित रहता है। योग शरीर में ऊर्जा का संचार करता है। इससे तन मजबूत होता है। आधुनिक जीवनशैली में मनुष्य शरीर पर कम ध्यान दे पाता है। इससे तनाव, थकान और बीमारी शरीर को घेर लेती है। योग करके धन रूपी तन को स्वस्थ रखा जा सकता है।

योग क्या है?

कई लोग योग के बारे में केवल इतना जानते है कि इसमें शरीर की विभिन्न क्रियाएं की जाती है। हाथों, टांगो और शरीर को मोड़ने की कला को ही योग मान लेते है। परंतु दोस्तों, यह पूरी तरह से सही नही है। योग मन, तन और मस्तिष्क को साधने की एक कला है। अतः योग तन और मन की साधना है।

वर्तमान में भारत देश के कई स्कूलों में योगाभ्यास करवाया जा रहा है। योग को महत्वपूर्ण विषय की भांति पढ़ाया जाता है। योग गुरु विद्यार्थियों को योग का अभ्यास करवाते है। आप स्वंय भी योग क्रिया कर सकते है। योग करने के लिए किसी भी विशेष साधन की आवश्यकता नही होती है। केवल एक दरी चाहिए जिस पर बैठा जा सके। ध्यान लगाने के लिये शांत वातावरण होना जरूरी है। बस इतना ही और आप योग शुरू कर सकते है।

योग शरीर के संतुलन हेतु किया जाता है। शरीर, मन, आत्मा को एक साथ जोड़ना योग के भीतर आता है। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द युज से हुई है। योग का अर्थ होता है जुड़ना। प्रकृति और मन को एक साथ जोड़ने का प्रयत्न ही योग है। मन को स्थिर करने का प्रयास योग कहलाता है। मनुष्य की आत्मा को प्रकति से स्पर्श करवाना योग है।

दोस्तों, योग करने के लिए श्रेस्ठ समय सूर्योदय और सूर्यास्त का होता है। वैसे दिन में किसी भी समय योग किया जा सकता है। परंतु सुबह और शाम के वक्त शांति विचरण करती है। माहौल शांत रहने से मन के विचार शांत रहते है। क्योंकि योग शांत मन से ही होता है।

योग करने से पूर्व ध्यान रखने योग्य बातें

1. योग करने के लिए योग आना भी जरूरी है। बिना किसी सलाह या गुरु के योग ना करे। बिना ज्ञान के किया गया योग लाभ की जगह हानि देता है।

2. स्नान करने के बाद ही योग करना चाहिए। इससे तन और मन में स्फूर्ति रहती है। यानिकि शुद्ध मन के साथ तन भी शुद्ध होना चाहिए।

3. योग कभी भी भरे पेट के साथ ना करे। योग भूखे पेट ही होता है। योग करने के करीब 30 से 45 मिनट के पश्चात ही भोजन ग्रहण करे।

4. हल्के और ढीले वस्त्र पहनकर योग करना बेहतर होता है। हो सके तो सूती कपड़ा पहने।

5. योग में श्वास अंदर और बाहर लेना सीखना जरूरी है। योग में श्वास पर नियंत्रण महत्वपूर्ण है।

6. योग करने से पूर्व सुनिश्चित कर ले कि वातावरण शांत है। क्योंकि शोरगुल में मन शांत नही रहता है। इसलिए ऐसी जगह का चुनाव करे जहाँ शांति का वास हो।

7. योग करने से पूर्व मन से बुरे विचारों को त्यागना चाहिए। इससे मन शांत और एकाग्र रहता है।

8. योगाभ्यास करते वक्त जल्दबाजी ना करे। योग में जल्दबाजी करने से लाभ की जगह हानि हो सकती है। अगर आप योग पहली बार कर रहे है तो कठिन आसन ना करे। सरल आसनों से ही शुरुआत करनी चाहिए।

योग में कई प्रकार की मुद्राएँ होती है। योग में की जाने वाली क्रियाओं को आसन कहते है। आसन में सबसे मुख्य क्रिया सांस को संतुलित करना है।

योग के प्रमुख प्रकार (Types Of Yoga In Hindi)

मंत्र योग, हठ योग, लय योग और राज योग। इनके अलावा भक्ति योग, ज्ञान योग, कर्म योग, नाद योग भी योग के प्रकारों में आते है।

सबसे ज्यादा “राज योग” लोकप्रिय है। राज योग को अष्टांग योग भी कहा जाता है। इसे महर्षि पतंजलि ने बताया था। इसमें आठ क्रियाए आती है। इन आठ अंगों में नियम, ध्यान, समाधि, प्राणायाम, यम, प्रत्याहार, ध्यान, आसन आते है। वर्तमान में अष्टांग योग में केवल तीन योग ध्यान, आसन और प्राणायाम ही प्रचलन में है।

प्रमुख योगासन के नाम –

नमस्कार आसन, व्रजासन, नटराज आसन, गोमुख आसन, सुखासन, योगमुद्रासन, सर्वांगासन, ताड़ासन, शवासन, वृक्षासन, भुजंगासन, दंडासन, कोणासन, हलासन, कपालभाती, शीर्षासन इत्यादि।

योगासनों के नाम पर अधिक जानकारी के लिए यह पोस्ट पढ़े –

योग करने के फायदे – Yoga Benefits In Hindi

1. नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से मांसपेशियों में लचीलापन रहता है। हड्डियां मजबूत और स्वस्थ होती है। योग से थकान और शारीरिक कमजोरी दूर होती है।

2. योग तनाव से मुक्ति देता है और मन में स्फूर्ति का संचार करता है। योग से मानसिक मनोविकार दूर रहते है। मन आनन्दित रहता है और शांति का अनुभव होता है।

3. अगर आपको नींद ना आने की समस्या है तो योग करना बेहतर है। योग से मन शांत होता है जिससे निद्रा से जुड़ी समस्याएं दूर होती है।

4. योग करने से शरीर के आंतरिक अंग जैसे कि ह्रदय, फेफड़े इत्यादि स्वस्थ रहते है। दिल संबधी बीमारियां शरीर से दूर होती है।

5. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में भी योग लाभदायक है। कब्ज या पाचन की समस्या है तो योग शुरू करे। योग के कुछ आसन पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते है।

6. गठिया और मधुमेह रोगियों के लिए योग लाभकारी है। विशेषज्ञ की देखरेख में योग किया जा सकता है। इससे बेहतर लाभ मिलते है।

7. योगाभ्यास करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। विभिन्न बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है।

8. शीर्षासन योग करने से मस्तिष्क सहित पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह होता है। इससे त्वचा में निखार आता है। बाल गिरने की समस्या दूर होती है।

9. मस्तिष्क को एकाग्र करने के लिए योग बेहतर अनुभव है। योग चित को एकाग्र रखता है। इससे बुद्धि का विकास होता है। योग से याददाश्त तेज होती है।

10. योग शरीर से नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालकर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है।

11. अगर आप वजन कम करना चाहते है तो योग को अपना लीजिए। योग करने से मोटापा कम होता है। कपालभाति प्राणायाम करने से शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी कम होती है।

योग पर निबंध – Yoga Essay Conclusion:-

योग धर्म, आस्था और अंधविश्वास से परे एक सीधा विज्ञान है। – ओशो

Essay On Yoga In Hindi – प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है। विगत कुछ वर्षों में योग काफी लोकप्रिय हुआ है। भारत के साथ ही यूरोप और अमेरिका में भी योग किया जाने लगा है। योग गुरु बाबा रामदेव के प्रयासों से भी योग को लोकप्रियता मिली है। योगाभ्यास कोई भी कर सकता हैं चाहे 60 वर्षीय बुजुर्ग हो या 14 वर्षीय बच्चा। योग करने की कोई उम्र नही होती है। स्वस्थ जीवन को अपनाने के लिए योग एक बेहतर उपाय है। पहला सुख निरोगी काया मंत्र ही जीवन का उद्देश्य होना चाहिए।

Note – इस पोस्ट Essay On Yoga In Hindi में योग का महत्व पर निबंध (Essay On Importance Of Yoga In Hindi) आपको कैसा लगा? निबंध में समाहित किये गए विषय जैसे की योग क्या है, प्रकार और योग के फायदे पर आपके विचारों का स्वागत है। “Yog Par Nibandh In Hindi” पसंद आया हो तो इसे शेयर भी करे।

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