इस पोस्ट Information About Tabla In Hindi में तबला वाद्य यंत्र का इतिहास और सामान्य जानकारी (Tabla History Ki Jankari) है। तबला भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक महत्वपूर्ण वाद्य यंत्र है। तबला वादन भारतीय संगीत में पुराने जमाने से इस्तेमाल किया जा रहा है। संगीत में ताल देने के लिए तबला वाद्य यंत्र का उपयोग होता है। भारतीय उपमहाद्वीप में तबला काफी प्रसिद्ध है।
वाद्य यंत्र तबला Information About Tabla In Hindi –
1. तबला (Tabla) शीशम की लकड़ी का बना होता है। यह चमड़े से मढ़ा हुआ वाद्य यंत्र है। तबला वाद्य यंत्र में दो की संख्या में ड्रम होते है। दोनों ड्रम्स में विभिन्नता होती है। ये आकार और आकृति में एक दूसरे से भिन्न होते है। इन ड्रम को दांया और बांया भी कहते है।
2. सामान्यतः दाहिने भाग वाले ड्रम को ही तबला कहते है। जबकि दूसरे ड्रम को डुग्गी कहते है। डुग्गी दाहिने भाग तबला से आकार में बड़ी होती है। दाहिने भाग तबले की ऊंचाई 10 इंच और 6 इंच चौड़ाई होती है। बायां भाग की ऊंचाई 10 इंच जबकि चौड़ाई यानिकि व्यास 8 इंच होता है। दोनों ड्रमों से अलग अलग संगीत निकलता है।
3. तबला लकड़ी का बना हुआ ड्रम की भांति का वाद्य यंत्र है। लकड़ी के ड्रम पर चमड़ा चढ़ा हुआ होता है। चमड़ा ड्रम पर रस्सी की सहायता से बंधा होता है। यह रस्सी या डोरी भी चमड़े की ही बनी होती है। इन रस्सियों के बीच आकार में छोटे बेलन भी होते है। इन छोटे बेलनों पर हथौड़ी से चोट करके रस्सियों को कसा जाता है। इस प्रक्रिया को सुर साधना कहते है।
Tabla Ki Jankari तबला की जानकारी –
4. तबला वाद्य (Tabla Instrument) के मुख्य भागों में चमड़े का मुख आता है। इसमें बीच का काला भाग स्याही, उसके बाद का भाग मैदान और बाहरी भाग किनार कहलाता है। स्याही भाग चावल और गेंहू से मिलाकर बनाया हुआ लेप होता है। प्रत्येक भाग पर ताल देने से भिन्न भिन्न ध्वनि निकलती है।
5. तबला वादन करने के लिए हाथों का इस्तेमाल किया जाता है। हाथ की हथेलियों और उंगलियों से तबले के मुख पर तान दी जाती है। इस प्रक्रिया से तबले की धुनें निकलती है। राग के स्वर “सा” के साथ तबला ध्वनि को एडजस्ट किया जाता है। तीखे बोल या ध्वनि ता, तिन, ना, ते इत्यादि दाहिने भाग से बजायी जाती है। बायां भाग तबले से धा, धे, गे इत्यादि स्वर निकलते है।
तबला का इतिहास Tabla History In Hindi –
7. ऐसा माना जाता है कि तबला शब्द की उत्पत्ति अरबी फारसी शब्द “तब्ल” से हुई है। तब्ल शब्द का माना “ड्रम” होता है। कुछ इतिहासकारों का यह मानना है कि प्राचीन भारतीय संस्कृति में तबला का जिक्र है। आसान शब्दों में कहे तो तबले की उत्पत्ति का कोई मजबूत ऐतिहासिक साक्ष्य नही है। वैसे इतिहास में यह भी आता है कि अमीर खुसरो ने तबला का निर्माण किया था। उन्होंने पखावज नामक एक प्रकार के वाद्य यंत्र से तबले का निर्माण किया था।
8. भारतीय नाट्य शास्त्र में तबला एक अहम वाद्य यंत्र है। कत्थकली, भरतनाट्यम, कचिपुड़ी जैसे नृत्यों में तबले की तान का उपयोग किया जाता है।
9. शास्त्रीय संगीत के अलावा भारतीय लोक गीत, हिंदी सिनेमा के गानों में भी तबला वादन किया जाता है। बांसुरी, सरोद इत्यादि वाद्य यंत्रों के साथ अक्सर तबले का उपयोग होता है।
10. अजंता की गुफाओं में तबला वादकों के चित्रों की कलाकृतिया मिलती है। भारतीय इतिहास में पुष्कर नामक वाद्य यंत्र का नाम आता है जो हाथ में लेकर बजाया जाता था। ऐसा माना जाता है कि तबला की उत्पत्ति पुष्कर वाद्य यंत्र से हुई थी।
तबला वाद्य यंत्र Tabla Information In Hindi –
11. मशहूर तबला वादकों में उस्ताद अल्ला रक्खा, उस्ताद जाकिर हुसैन, उस्ताद किशन महाराज इत्यादि का नाम आता है। जाकिर हुसैन पंजाब घराने से आते है जबकि किशन महाराज बनारस घराने से आते है।
12. तबला (Tabla) वादन में कुछ घराने अत्यधिक प्रसिद्ध है। इन मशहूर घरानों में लखनऊ घराना, दिल्ली घराना, बनारस घराना, पंजाब घराना, अजराड़ा घराना इत्यादि आते है।
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