चंद्रगुप्त मौर्य का इतिहास History Of Chandragupta Maurya In Hindi

चंद्रगुप्त मौर्य का इतिहास और जीवनी Information And History Of Chandragupta Maurya In Hindi

सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य का इतिहास की इस पोस्ट में चंद्रगुप्त मौर्य की जीवनी (Chandragupta Maurya Biography In Hindi) और कहानी है। चंद्रगुप्त मौर्य भारत के महान सम्राट थे जिन्होंने आधे से ज्यादा उस वक्त का भारत जीत लिया था। उनके साम्राज्य में सम्पूर्ण उत्तर भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्से थे। सम्राट चंद्रगुप्त ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। यह साम्राज्य बहुत शक्तिशाली था। तो आइए दोस्तों, चंद्रगुप्त मौर्य की जीवनी (Chandragupta Maurya Ki Jivani) और कहानी जानने का प्रयास करते है।

Chandragupta Maurya History In Hindi

चंद्रगुप्त मौर्य की जीवनी Chandragupta Maurya Biography In Hindi –

History Of Chandragupta Maurya In Hindi – भारतीय इतिहास में चंद्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya) को महान हिन्दू सम्राट की उपाधि दी जाती है। चंद्रगुप्त मौर्य एक महान शासक और कुशल योद्धा थे। मौर्य साम्राज्य की स्थापना से पूर्व भारत छोटे छोटे गणराज्यों में बंटा हुआ था। सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य ने अखंड भारत का निर्माण किया था। उन्होंने पूरे 24 वर्ष तक भारत समेत अन्य देशों पर शासन किया था। मात्र 20 वर्ष की आयु में उन्होंने मौर्य साम्राज्य की नींव रखी थी।

इस महान सम्राट के बारे में जानकारी जैन और बौद्ध धर्म के ग्रन्थों से मिलती है। चाणक्य के कौटिल्य अर्थशास्त्र में भी चंद्रगुप्त मौर्य का जिक्र मिलता है। यूनानी राजदूत मेगस्थनीज ने भी चन्द्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य को बताया है। चन्द्रगुप्त मौर्य के जन्म, जाति और उनके माता पिता के बारे में इतिहासकार एकमत नही है।

चंद्रगुप्त मौर्य का जन्म 340 बीसी को पाटलिपुत्र, बिहार में एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम नन्दा और माता का नाम मुरा था। इतिहास में उनकी पहली पत्नी का नाम दुर्धरा आता है। दूसरी पत्नी सेल्युकस की पुत्री हेलन थी। चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र का नाम बिन्दुसार था जबकि उनका पोता सम्राट अशोक था। ऐसा माना जाता है कि चन्द्रगुप्त के जन्म से पहले ही उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। चन्द्रगुप्त कुछ बड़े हुए तो उनकी माता की भी मृत्यु हो गयी। बचपन से ही चन्द्रगुप्त निडर, साहसी और बुद्धिमान थे।

मौर्य साम्राज्य का उदय और विस्तार Chandragupta Maurya Ki Jivani –

चंद्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya) को महान सम्राट बनाने में उनके गुरु चाणक्य का हाथ माना जाता है। आचार्य चाणक्य एक महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और बुद्धिमान गुरु थे। कहा जाता है कि शिष्य की क्षमता की पहचान गुरु को ही होती है। इसलिए चाणक्य ने चंद्रगुप्त की प्रतिभा को पहचाना और उसे तक्षशिला महाविद्यालय ले गए। वही पर गुरु चाणक्य ने शिष्य चंद्रगुप्त को शिक्षा दी।

इतिहास में आता है कि मगध के राजा धनानन्द ने चाणक्य का अपमान किया था। भारत पर सिकन्दर के आक्रमण के वक्त चाणक्य ने मगध के राजा धनानन्द से सिकन्दर को रोकने के लिए गुहार लगाई थी। परंतु धनानन्द ने चाणक्य का अपमान किया। इसलिए चाणक्य ने धनानन्द के पतन की प्रतिज्ञा ली थी। चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य ने बुद्धि, कुशल रणनीति और बल के द्वारा राजा धनानन्द को हराया। इसके बाद विशाल और संघटित मौर्य साम्राज्य का उदय हुआ जिसने भारतवर्ष पर शासन किया था। सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य को अपने दरबार में मुख्य सलाहकार के पद पर नियुक्त किया था।

चंद्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya) ने चाणक्य के मार्गदर्शन में सम्पूर्ण अफगानिस्तान और इराक के कुछ हिस्सों तक अपने साम्राज्य का विस्तार किया था। सिकन्दर की मृत्यु के बाद यूनान साम्राज्य छोटे छोटे राज्यों में बंट गया था। सिकन्दर के सेनापति सेल्युकस ने चंद्रगुप्त के साथ संधि की और उसने अपनी पुत्री हेलन का विवाह भी चन्द्रगुप्त मौर्य के साथ किया था। भारत के दक्षिण में हैदराबाद तक चन्द्रगुप्त का शासन था। भारत के पूर्वी हिस्से आसाम तक चन्द्रगुप्त ने विजय परचम लहराया था। चाणक्य नीति का इस्तेमाल करते हुए चंद्रगुप्त मौर्य ने एक शक्तिशाली मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी।

चंद्रगुप्त मौर्य History Of Chandragupta Maurya In Hindi –

मौर्य साम्राज्य उस वक्त का सबसे बड़ा एकजुट साम्राज्य था। चंद्रगुप्त मौर्य ने भारत के छोटे मोटे राज्यों को जीतकर एक बड़ा साम्राज्य बनाया था। दक्षिण भारत में तमिल और कलिंग राज्य जीतने में चंद्रगुप्त असफल रहे। चंद्रगुप्त के ख्वाब को उनके पोते सम्राट अशोक ने पूरा किया था। सम्राट अशोक के समय लगभग पूरा भारतवर्ष मौर्य साम्राज्य के अंतर्गत था। चंद्रगुप्त ने अपने बाद शासन की बागडौर अपने पुत्र बिंदुसार को दी थी।

बिन्दुसार को महान पिता का पुत्र और महान पुत्र का पिता भी कहा जाता है। क्योंकि बिन्दुसार के पिता महान सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य थे जबकि उनका पुत्र महान सम्राट अशोक था।

मौर्य साम्राज्य के इतिहास में आता है कि गुरु चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य को खाने में थोड़ा थोड़ा जहर दिया करते थे। इससे चंद्रगुप्त में जहर के प्रति रोग प्रतिरोधकता आ गयी थी। एक बार उनकी पत्नी दुर्धरा गर्भावस्था में जहर मिला हुआ खाना खा लेती है। इससे दुर्धरा की मृत्यु हो गई लेकिन उसके बच्चे बिन्दुसार को बचा लिया गया।

चंद्रगुप्त मौर्य की कहानी Chandragupta Maurya Story –

History Of Chandragupta Maurya In Hindi – इतिहास में आता है कि जीवन के अंतिम समय में चंद्रगुप्त मौर्य जैन धर्म गुरु भद्रबाहु के निकट थे। ऐसा माना जाता है की उन्होंने जैन धर्म अपना लिया था। सम्राट चंद्रगुप्त की मृत्यु के बारे में आता है कि उन्होंने राजपाट छोड़कर कर्नाटक की एक गुफा में भूखे प्यासे रहकर तप किया था। इसी कारण गुफा में ही उन्होंने प्राण त्यागे थे। उनकी मृत्यु का समय 297 बीसी माना जाता है। सम्पूर्ण भारत को एकीकृत करने में महान सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य का अहम योगदान था। इतिहास में वो अमर है और हमेशा रहेंगे।

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नोट – इस पोस्ट History Of Chandragupta Maurya In Hindi में चंद्रगुप्त मौर्य का इतिहास, चंद्रगुप्त मौर्य की जीवनी (Chandragupta Maurya Ki Jivani) और कहानी आपको कैसी लगी। यह आर्टिकल “Chandragupta Maurya Biography In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे फेसबुक और ट्विटर सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करे।

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