मित्रता पर निबंध हिंदी में | Essay On Friendship In Hindi

इस निबंध Essay On Friendship In Hindi में मित्रता पर निबंध (Dosti Par Nibandh) और मित्रता का महत्व (Importance Of Friendship) पर जानकारी है। दोस्ती दुनिया का सबसे बेहतरीन रिश्ता है जो खून का ना होकर विश्वास का होता है। दोस्ती को मित्रता भी कहते है। सच्ची मित्रता ताउम्र रहती है। दोस्ती के जज्बे और प्रेम पर निबंध लिखने का यह छोटा सा प्रयास है। दोस्ती पर निबंध में मित्रता का महत्व जानने का प्रयत्न करेंगे।

Essay On Friendship In Hindi

मित्रता पर निबंध Essay On Friendship In Hindi

दोस्ती (Friendship) एक अनमोल रिश्ता है जिसके जैसा कोई नही है। मनुष्य अपने सम्पूर्ण जीवन में कई रिश्ते निभाता है। एक पुत्र या पुत्री, एक बाप, एक माँ, पति या पत्नी इत्यादि कई रिश्ते इंसान सामाजिक परिवेश में निभाता है। दोस्ती का रिश्ता ना जन्म से होता है और ना ही विवाह के बाद बाद होता है। यह रिश्ता अटूट विश्वास और प्रेम से आता है।

हमारे जीवन के कई खट्टे मीठे पल दोस्तों के साथ गुजरे हुए होते है। दोस्ती की परिभाषा हर व्यक्ति के जीवन को साकार करती है। दुनिया में शायद ही ऐसा कोई शख्श हो जिसका कोई दोस्त ना हो। मित्रता या दोस्ती का सिलसिला स्कूल के दिनों से चलता है जो उम्र भर रहता है। बचपन से बुढ़ापे तक आपके दोस्त बनते रहते है।

कोई उम्र भर के लिए दोस्त होता है, तो कोई केवल जवानी या स्कूल कॉलेज तक ही मित्रता निभाता है। उम्र के हर पड़ाव पर मित्र बनते है। स्कूल के दोस्त स्कूल तक या कॉलेज के दोस्त कॉलेज तक ही रहे, यह मित्रता नही है। सच्ची मित्रता सम्पूर्ण जीवन में रहती है। सच्चे दोस्त अच्छे और बुरे दोनों वक्त आपके साथ होते है। जब आपके खून के रिश्ते आपसे दूर होते है, तब आपका सच्चा मित्र ही काम आता है। मित्रता एक ऐसा सबन्ध है जो हमें नही बताया जाता और हम इसे चुनते है।

मित्रता में गहराई होनी चाहिए। जितना गहरा रिश्ता होता है, उतनी ही मजबूत उसकी नींव होती है। दोस्ती के लिए यह जरूरी नही है कि दूसरा शख्श आपकी तरह सोच रखता हो। इसलिए विपरीत सोच वाले इंसानों के बीच भी मित्रता हो जाती है।

मित्रता का महत्व पर निबंध Mitrata Par Nibandh –

Essay On Friendship In Hindi – मानव सभ्यता के इतिहास में दोस्ती या मित्रता (Friendship) की कई मिसाले दी जाती है। कृष्ण और सुदामा की मित्रता को कोन नही जानता है। एक तरफ द्वारका के राजा श्रीकृष्ण और दूसरी तरफ भिक्षा मांगकर गुजारा करने वाले सुदामा की कहानी हर बच्चे बच्चे को पता है। श्रीकृष्ण ने बचपन के मित्र सुदामा से दोस्ती को हमेशा निभाया था। पृथ्वीराज चौहान और उनके मित्र चन्द्रवरदाई की कहानी भी काफी प्रचलित है। दुनिया में मौजूद हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का दोस्त है, अगर यह भावना सभी इंसानों में आ जाए तो “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की मूल भावना परिपूर्ण हो जाएगी।

दोस्ती एक अनमोल धन के भांति होती है जो समय आने पर आपकी मदद करता है। सच्ची मित्रता निःस्वार्थ होती है जिसमें किसी का कोई स्वार्थ नही छिपा होता है। मित्रता ना जाति देखती है और ना ही धर्म, वो केवल विश्वास और प्रेम की भूखी होती है। मित्रता किसी के भी बीच हो सकती है। चाहे वो किसी भी धर्म या जाति के मानने वाले हो। स्त्री पुरुष हो या लड़का लड़की हो, मित्रता की कोई बंदिश नही है। एक अमीर भी किसी गरीब का मित्र हो सकता है।

इंसान एक सामाजिक प्राणी है जिसे बंधन की आस होती है। यह बंधन प्रेम, विश्वास, जिम्मेदारी का होता है। दोस्ती भी एक विश्वास का बंधन है और जो सच्ची दोस्ती होती है, वह अटूट बंधन से युक्त होती है। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो उम्र के बंधनों से परे होता है। समाज में जीवन व्यतीत करते हुए कई व्यक्ति आपके सम्पर्क में आते है जिनमे कोई सच्चा होता है तो कोई झूठा। यह आप पर निर्भर है कि सच्चे दोस्त की परख कैसे करते है।

दोस्ती पर निबंध Dosti Par Nibandh –

Essay On Friendship In Hindi – दोस्ती (Friendship) की उलट दुश्मनी होती है जो धोखे से उपजती है। इसलिए मित्रता में धोखा नही होना चाहिए। दोस्ती का एक गुण वफ़ादारी भी है और दोस्त एक दूसरे के प्रति वफादार होते है। सच्चे और अच्छे मित्र कभी भी एक दूसरे का बुरा नही सोचते है। दोस्ती में अहंकार की कोई भी संभावना नही है। इसलिए मित्रता में अहम का त्याग आवश्यक है। त्याग ही एक ऐसा गुण है जो दोस्ती के रिश्ते को मजबूत करता है।

भारतीय फिल्मों में भी दोस्ती को बहुत बताया जाता है। आपने शोले मूवी में जय और वीरू की कालजयी दोस्ती को जरूर देखा होगा। दोस्ती पर कई फिल्मी गीत भी बन चुके है जिनमें शोले का ही एक गीत “ये दोस्ती, हम नही तोड़ेगे” बहुत मशहूर है। दोस्त बनना आसान है लेकिन दोस्ती निभाना बहुत मुश्किल है। इसलिए जब भी आप किसी के दोस्त बने तो उसे निभाये जरूर।

जिस इंसान का सच्चा मित्र होता है तो वह भाग्यशाली है क्योंकि सच्ची मित्रता खुशनसीब लोगो को प्राप्त होती है। एक सच्चा और अच्छा मित्र आपको अच्छाई की और ले जाता है। एक सच्चा दोस्त आपकी हर सम्भव हर तरह से मदद करता है। सच्ची मित्रता में एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना होती है।

Importance Of Friendship Essay In Hindi मित्रता पर निबंध –

बुरे लोग दोस्ती (Friendship) को तोड़ने का प्रयास करते है। यह जलनवश और बुराइवश लोगो के बीच दरार डालते है। ऐसे लोगो से हमे बचना चाहिए और हमें उनकी कही गयी बातों पर विश्वास नही करना चाहिए। अगर कभी भी दोस्ती में तल्खी आये तो आपस में बात करे। ऐसा नही है कि प्रत्येक दोस्त ही आपका सच्चा मित्र है। कुछ दोस्त केवल स्वार्थ के कारण ही आपके मित्र बनते है। जब उनका स्वार्थ या काम पूरा हो जाता है तो मित्रता तोड़ लेते है। ऐसे धोखेबाज मित्रो से बचना चाहिए क्योंकि ऐसे दोस्त ही दोस्ती के पवित्र रिश्ते को बदनाम करते है। एक सच्चा दोस्त आपका शुभचिंतक होता है जो हमेशा आपकी भलाई की कामना करता है।

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