इस पोस्ट What Is Vitamin In Hindi में विटामिन की खोज किसने की थी?, विटामिन क्या है? और विटामिन के प्रकार (Types Of Vitamin In Hindi) के बारे में बताया गया है। विटामिन्स शरीर के पोषण में मुख्य भूमिका निभाते है। मानव स्वास्थ्य के लिए विटामिन की पूर्ति होनी चाहिए। विटामिन क्या है, Vitamin Ki Khoj Kisne Ki और विटामिन के प्रकार पर इस आर्टिकल में बताने का प्रयास है।
विटामिन क्या है – What Is Vitamin In Hindi
विटामिन (Vitamin In Hindi) को कार्बनिक योगिक रसायन भी कहते है। शरीर की सेल्स में एन्जाइम उत्पादन के लिए विटामिन जिम्मेदार है। विटामिन में मौजूद कार्बनिक रासायनिक प्रदार्थो की मात्रा के आधार पर विटामिन का प्रकार निश्चित होता है। विटामिन शब्द ग्रीक शब्दावली से लिया गया है। यह विटा और मीन दो शब्दों से मिलकर बना है। वीटा का मतलब जीवन होता है जबकि मीन का अर्थ तत्व है। इस कारण विटामिन को जीवन तत्व भी कहते है।
अगर आप फल, मांस और सब्जियां खाते है तो आपके शरीर में विटामिन्स की पूर्ति होती रहती है। कभी कभी ज्यादा कमी होने पर डॉक्टर्स विटामिन्स की गोलियां भी खाने को देते है। शरीर में विटामिन की कमी से कई सारे रोग हो जाते है। विटामिन हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से नही बनते है, वो आहार से शरीर में आते है। इसलिए संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए।
विटामिन की खोज – Vitamin Ki Khoj Kisne Ki
विटामिन की खोज (Vitamin Ki Khoj Kisne Ki) वर्ष 1912 में फ्रेडरिक हॉपकिंस ने की थी। उनको इस महान खोज के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार भी मिला था। उन्होंने खोज में यह बताया कि इन रासायनिक तत्वों की कमी से शरीर रोगों से घिर जाता है। इसलिए इन तत्वों की पूर्ति भोजन से की जानी चाहिए। इस तत्व को विटामिन नाम कासिमिर फंक नामक वैज्ञानिक ने दिया था। क्रिश्चियन एईकमैन नामक नीदरलैंड के वैज्ञानिक ने बेरी बेरी रोग में अध्ययन के द्वारा यह पता लगाया कि पोषण की कमी की वजह से यह रोग होता है।
Vitamin की खोज से पहले कार्बोहाइड्रेट, वसा या प्रोटीन को ही पोषक तत्व माना जाता था। इसलिए डॉक्टर्स इन तत्वों से युक्त प्रदार्थो को खाने की सलाह देते थे। इन सभी तत्वों की पूर्ति के बाद भी मनुष्य बीमार होता था। इसलिए विटामिन की खोज जरूरी हुई। विटामिन ए और बी की खोज मैक्लम ने की थी।
विटामिन के प्रकार – Types Of Vitamin In Hindi
शरीर में आवश्यक विटामिन्स की संख्या कुल 13 होती है। मुख्यतः दो प्रकार के विटामिन होते है – पानी में घुल सकने योग्य और वसा में घुलने योग्य विटामिन। मुख्य विटामिन 6 प्रकार के है।
1. विटामिन ए (Vitamin A)
इसका रासायनिक नाम रेटिनाल है। विटामिन ए की शरीर में पूर्ति के लिए अंडा, दूध, गाजर, चुकंदर जैसे तत्वों को आहार में शामिल करें। ज्यादातर सब्जियों और फलों में विटामिन ए पाया जाता है। विटामिन A की कमी से रतौन्धी नामक आंखों का रोग हो जाता है। बालों, त्वचा, दांत, नाखून को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए विटामिन ए आवश्यक है।
2. विटामिन बी कॉम्पलेक्स (Vitamin B)
विटामिन बी एक विटामिन ना होकर ग्रुप में होता है। विटामिन B ग्रुप में विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B7, B9 और B12 आते है। इनका रासायनिक नाम क्रमशः थाइमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, पेंटोथेनिक एसिड, प्यरिडोक्सिने, बायोटिन, फॉलिक एसिड, कयनोसोबलमीन है। विटामिन बी अनाज, दालों, पत्तेदार सब्जियों इत्यादि में पाया जाता है।
अंडा, मांस जैसे मांसाहारी फूड्स में विटामिन B मौजूद होता है। केले और अंगूर में भी विटामिन B पाया जाता है। विटामिन बी की कमी से शरीर में एनीमिया रोग हो जाता है। नसों में सूजन और मांसपेशियों में खिंचाव जैसी समस्याएं हो सकती है।
3. विटामिन सी (Vitamin C)
Vitamin सी का रासायनिक नाम एस्कोर्बिक एसिड है। विटामिन सी खट्टे स्वाद के फलों और सब्जियों में पाया जाता है। नींबू, संतरा, आंवला, आम, टमाटर जैसी फल या सब्जी में विटामिन सी की मौजूदगी होती है। स्कर्वी नामक रोग विटामिन C की कमी से होता है। इसकी कमी से मंसूड़ो से खून आता है। शरीर में हर वक्त थकान महसूस होती है।
विटामिन की जानकारी Vitamin Ke Prakar In Hindi
4. विटामिन डी (विटामिन D)
एरगोसेल्सिफेरोल विटामिन डी का रासायनिक नाम है। विटामिन डी का सबसे बड़ा स्रोत सूर्य है। इसके अलावा मांस, अंडा, मछली में भी विटामिन डी मिल जाता है। विटामिन डी की कमी से सूखा रोग होने की संभावना होती है। शरीर में इसकी कमी होने से हड्डियां कमजोर हो जाती है। विटामिन डी शरीर से कैल्शियम का अवशोषण करता है जिससे कैल्शियम का स्तर बना रहता है।
5. विटामिन ई (Vitamin E)
विटामिन E का रसायनिक नाम तोसोफेरोल्स है। विटामिन ई सब्जियों और फलों में अधिक मात्रा में होता है। अंडा, मांस, मछली में भी विटामिन E मौजूद होता है। विटामिन ई बालों, त्वचा को मुलायम और स्वस्थ रखता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। खून की लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में विटामिन ई जिम्मेदार होता है। विटामिन E की कमी से प्रजजन शक्ति में कमी आती है।
6. विटामिन के (Vitamin K)
इसका रासायनिक नाम फिलोक्विनोन है। हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन K प्रचुर मात्रा में होता है। इसकी कमी से रक्त का थक्का नही जमता है।
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