इस पोस्ट Plato In Hindi में प्लेटो की जीवनी (Biography Of Plato) और इतिहास (Plato History In Hindi) के बारे में जानेंगे। प्लेटो एक महान ग्रीस दार्शनिक थे। प्लेटो के विचार क्रांतिकारी थे। आज के कालखंड में भी प्लेटो के विचार प्रासंगिक है। प्राचीन पाश्चात्य विद्वानों में प्लेटो का नाम आता है। वो शख्श महान क्यों नही होगा जिसका गुरु महान सुकरात और शिष्य महान अरस्तू हो। तो आइए दोस्तो, महान दार्शनिक और विचारक प्लेटो की जीवनी पर प्रकाश डालते है।
एक अच्छा निर्णय ज्ञान पर आधारित होता है, ना कि संख्याबल पर। – प्लेटो
महान दार्शनिक प्लेटो की जीवनी Plato In Hindi
प्लेटो (Plato In Hindi) का जन्म 428 ईसा पूर्व का माना जाता है। वैसे उनके जन्म को लेकर इतिहासकारों में विवाद है। उनका जन्म स्थान एथेन्स, ग्रीस माना जाता है। पिता का नाम अरीस्टो था और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी थी। माता पिता ने उन्हें सभी तरह की शिक्षा दिलवाई थी। प्लेटो बचपन से ही जिज्ञासु प्रवर्ति के थे। उन्हें तर्क करना पसंद था। बचपन में ही प्लेटो के पिता का देहांत हो गया था। प्लूटो का एक नाम अफलातून भी है।
दार्शनिक प्लेटो को शिक्षा उनके गुरु और महान दार्शनिक सुकरात से मिली थी। प्लेटो के शिष्य महान अरस्तू थे। प्लेटो अपने गुरु सुकरात का बहुत सम्मान करते थे। सुकरात ने उन्हें दर्शनशास्त्र की शिक्षा दी थी। गुरु और शिष्य के सबन्ध इतने गहरे थे कि प्लेटो ने अपनी किताबों में सुकरात के विचारों का जिक्र किया था। यहाँ तक कि सुकरात के बारे में हम जितना जानते है, वो प्लेटो के कारण ही है।
प्लेटो ने महान गणितज्ञ पाइथागोरस से भी शिक्षा ग्रहण की थी। गणित और विज्ञान विषय की शिक्षा प्लेटो ने पाइथागोरस से ही ली थी। दार्शनिक प्लेटो ने करीब 365 ईसा पूर्व एक गुरुकुल या एकेडमी की स्थापना भी की थी। इस गुरुकुल में गणित, ज्योमिति, विज्ञान, राजनीति इत्यादि विषयों की पढ़ाई होती थी।
जो अच्छा सेवक नही है, वो अच्छा मालिक नही बन सकता। – प्लेटो
प्लेटो की पुस्तकें और ग्रंथ Plato Biography In Hindi –
प्लेटो (Plato) ने “द अपोलॉजी ऑफ सुकरात” नामक पुस्तक की रचना की थी। इस पुस्तक में प्लेटो ने अपने गुरु सुकरात के बारे में लिखा था। इसमें उनके गुरु के विचार और दर्शन शामिल है। यह उनकी शुरुआती रचना थी लेकिन बहुत जल्द उन्होंने स्वयं का साहित्य लेखन शुरू किया।
दार्शनिक प्लेटो ने राजनीति और लोकतंत्र के विषय पर अपनी कालजयी महान किताब “द रिपब्लिक” की रचना की थी। इस किताब में प्लेटो ने राजनीति के अनछुए पहलुओं को बताया था। मनुष्य और समाज का परस्पर सबन्ध को भो प्लेटो ने बेहतरीन तरीके से समझाया था। उन्होंने दार्शनिक राजा की अवधारणा को बताया था। इसके अनुसार एक राजा बुद्धिमान लोगो का सम्मान करता हो और विवेक न्याय से राज्य का संचालन करता हो, दार्शनिक राजा होता है। प्लेटो ने आदर्श राज्य और आदर्श राजा की अवधारणा को बल दिया था। एक तरह से यह एथेन्स राज्य राजनीति की आलोचना थी।
प्लूटो ने द रिपब्लिक के अलावा फेडो, द क्रीटो, प्रोटागोरस इत्यादि पुस्तको का लेखन भी किया था।
अज्ञान सभी बुराइयों की जड़ है। – प्लूटो
प्लेटो का इतिहास और जानकारी Plato History In Hindi –
प्लेटो (Plato In Hindi) पुर्नजन्म के समर्थक थे। उनका यह मानना था कि वर्तमान में किया गया अच्छा या बुरा अगले जन्म में जाता है। प्लूटो का पुर्नजन्म पर यह विचार पाइथागोरस से प्रेरित था। प्लूटो लोगो से संवाद किया करते थे। उनके शिष्य प्रश्न करते थे और वो उनका उचित दर्शन में उत्तर देते थे। यही उनके दर्शन का एक अहम हिस्सा था।
दार्शनिक प्लेटो ने इटली, मिस्र इत्यादि देशों की यात्राएं भी की थी। इन देशों में जाकर वहां की राजनीति, दर्शन, विज्ञान की शिक्षा ग्रहण की थी। प्लेटो की मृत्यु पर इतिहासकारों में विवाद है। करीब 80 वर्ष की आयु में प्लेटो इस दुनिया से चले गए थे।
प्लेटो ने जीवन दर्शन, राजीनीतिक दर्शन, समाज दर्शन के बारे में लिखा था। उनके विचार क्रांतिकारी थे। प्लूटो किसी भी प्रश्न की तर्क के साथ व्याख्या करते थे।
अन्य दार्शनिको की जीवनी –
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