नदी की जानकारी पर निबंध | Information & Essay On River In Hindi

Information & Essay On River In Hindi

इस लेख River Information In Hindi में नदी पर निबंध (Essay On River In Hindi) नदियों के लाभ और विश्व की प्रमुख नदियाँ की जानकारी दी गयी है। नदी मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आ रही है। नदी एक जगह से दूसरी तक बहती है और कई स्थानों को आपस में जोड़ती है।

सदियों से मनुष्य नदी के मुहाने पर बसता आ रहा है। ये व्यापारिक, आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होती है। पूरे विश्व में नदियाँ पायी जाती है। मानव सभ्यता के विकास में इनका अहम योगदान है। नदी को सरिता, प्रवाहिनी जैसे नामों से भी जाना जाता है।

नदी पर निबंध – Essay On River In Hindi

नदी धरती के तल पर प्रवाहित जल की धारा है। इसका उद्गम स्रोत बारिश, पर्वत, झीले होती है। नदी अपने अंतिम पड़ाव में किसी समुद्र में जाकर मिलती है। नदी मीठे पानी का एक बहुत बड़ा स्रोत है। विज्ञान की जिस शाखा के अंतर्गत नदियों का अध्ययन किया जाता है, उसे “पोटेमोलॉजी” कहते है। यह अपने साथ रेत बहाकर ले जाती है।

नदियाँ मुख्यतः दो प्रकार की होती है। एक प्रकार की नदी हमेशा बारिश के पानी पर निर्भर होती है। बारिश ना हुई तो उसका अस्तित्व नही होता है। दूसरी प्रकार की नदियां सदानीर वर्षभर बहती रहती है। नदी को उसकी आयु के आधार पर भी वर्गीकृत किया गया है।

1. युवा नदी (इस प्रकार की नदी का बहाव तेज होता है।)

2. परिपक्व नदी (इनका बहाव धीमा होता है।)

3. बूढ़ी नदी (यह बहुत धीमी बहती है।)

भारत की गंगा, ब्रह्मपुत्र जैसी बड़ी नदियाँ हिमालय पर्वत शंखला से निकलती है। पर्वतों पर मौजूद बर्फ पिघलने से इन नदियों का उदगम हुआ है। पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश बहुत ज्यादा होती है। यही कारण है कि नदियों में पानी का बहाव हमेशा रहता है। पर्वतीय क्षेत्रों के अलावा दक्षिण तराई क्षेत्रों में भी नदियों का उद्गम होता है। गोदावरी, कृष्णा और कावेरी जैसी नदियाँ इन तराई क्षेत्रों से उद्गमित होती है।

नदी की जानकारी – River Information In Hindi

नदी के पानी का बहाव हमेशा ऊपर से नीचे की तरफ गुरुत्वाकर्षण की वजह से होता है। नदियों में पानी धरातल पर और धरातल के नीचे बहता है। नदियों के सुख जाने के बाद भी भूजल बहता रहता है। नदियाँ समुद्र के पास आकर डेल्टा का निर्माण भी करती है।

ज्यादातर नदियाँ अपने उदगम स्थल से बहते हुए समुद्र में मिल जाती है। कुछ नदियां समुद्र में नही मिलती है। राजस्थान में मौजूद लुणी नदी ऐसी ही एक नदी है। यह कुछ दूर बहकर लुप्त हो जाती है। इसका कारण रेगिस्तान है जिसमें नदी का पानी रिस जाता है। कई छोटी नदियाँ बड़ी नदी में जाकर मिल जाती है। इससे नदी का फैलाव बढ़ जाता है।

नदियों के लाभ (Advantages Of Rivers In Hindi)

1. नदी (River) पानी का मुख्य स्रोत है। यह दूर दराज इलाको तक पानी ले जाती है। मानव सभ्यता के फलने फूलने का मुख्य कारण नदी है। नदियों का एक निश्चित बहाव होता है। नदी किसी भी विशेष क्षेत्र के लिए संजीवनी होती है। पीने के लिए पानी उपलब्ध करवाती है। खेतों की सिंचाई के लिए जल की आपूर्ति करती है।

2. नदी एक व्यापारिक मार्ग की तरह भी कार्य करती है। नावों और छोटे जहाजों के माध्यम से व्यापार किया जाता है। नदी परिवहन का मार्ग भी होती है।

3. नदियों के जल के साथ उपजाऊ मिट्टी बहकर आती है जो कृषि में उपयोग की जाती है। नदी के जल के साथ रेत और बजरी भी बहकर आती है। बजरी का इस्तेमाल पक्के मकान बनाने में किया जाता है।

4. नदियों पर बांध भी बनाये जाते है। इससे पानी को रोक लिया जाता है। जो आसपास के इलाकों में पानी की आपूर्ति करता है।

5. नदियों में पाई जाने वाली मछलियां भोजन का बड़ा स्रोत है। नदियों में जलीय जीवन भी पाया जाता है।

6. नदियों पर बिजली सयंत्र भी बने होते है। इनमे पानी से बिजली का निर्माण होता है।

7. नदियों को पवित्र भी माना गया है। गंगा नदी में अस्थियों को बहाया जाना शुभ माना जाता है। नदियों की पूजा भी की जाती है। ऐसा माना जाता है कि गंगा नदी में डुबकी लगाने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते है। बड़े बड़े धार्मिक स्थल नदियों के किनारे ही बसे हुए है।

नदी किसी भी क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नदी का विकराल रूप भी होता है। कई क्षेत्रों में नदी बाढ़ का कारण भी बनती है। बिहार का शौक कहलाने वाली “कोसी नदी” के कारण बाढ़ आती रहती है। तेज बारिश के कारण भी नदियां उफान पर आ जाती है।

नदियों में प्रदूषण की विकट समस्या

आजकल की यह विकट समस्या है जो प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जल प्रदूषण के कारण नदियों का पानी दूषित हो रहा है। जल प्रदूषण का मुख्य कारण नदियों में फैक्टरियों से निकला रसायनिक प्रदार्थ का मिलना है। शहरों और गांवों से गंदगी और कचरा बहकर नदियों में मिल जाता है।

नदियों में लोग नित्य क्रिया भी करते है। नदियों का प्रदूषण अपना विकराल रूप ले रहा है। गंगा जैसी पवित्र नदी भी हरिद्वार आते आते प्रदूषित हो गयी है। बाढ़ के कारण पशुओं के शव नदियों में मिलकर उसे दूषित करते है।

नदियों में प्रदूषण को रोकने का सबसे अच्छा उपाय सामाजिक जागरूकता है। फैक्टरियों को नदियों से दूर स्थापित करना चाहिए। कचरे का निकास नदियों में होने से रोकना चाहिए।

विश्व की प्रमुख नदियाँ – River Essay In Hindi

1. गंगा नदी – गंगा नदी भारत की पवित्र नदी है। हिन्दू धर्म में गंगा नदी का विशेष महत्व है। इसको भागीरथी नदी भी कहते है। गंगा नदी की लंबाई 2525 किलोमीटर है। यह गंगोत्री से निकलकर बंगाल की खाड़ी में मिलती है। यह पूर्णत भारत में ही बहती है।

गंगा की सहायक नदियों में घाघरा नदी, यमुना नदी, महानदी प्रमुख है। गंगा नदी भारतीय लोगो की आस्था का प्रतीक है। गंगा दुनिया की सबसे प्रदूषित नदियों में भी आती है।

2. ब्रह्मपुत्र नदी – यह भी हिन्दू मान्यताओं में पवित्र मानी गयी है। इसका उदगम स्थान तिब्बत है। इस नदी की लंबाई 2900 किलोमीटर है। यह नदी पूर्वी भारत की प्रमुख नदी है।

3. नील नदी – यह विश्व की सबसे लम्बी नदी है। इस नदी के पास कई सभ्यताओं का विकास हुआ है। मिस्र की सम्भता नील नदी के कारण ही पनपी है। यह अफ्रीका में बहती है। नील नदी की लंबाई 6650 किलोमीटर है।

4. अमेजन नदी – अमेजन नदी दुनिया की दूसरी सबसे लम्बी नदी है। इस नदी के आसपास के इलाकों में अमेज़न के घने जंगल पाये जाते है। अमेजन की लंबाई 6400 किलोमीटर है। अमेजन नदी दक्षिण अमेरिका में बहती है। इस नदी का घनत्व विश्व मे सबसे ज्यादा है।

5. कांगो नदी – इस नदी की लंबाई 4700 किलोमीटर है। कांगो अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी नदी है।

6. यलो नदी – यह चीन की प्रमुख नदी है। इस नदी की लंबाई 5464 किलोमीटर है। यलो दुनिया की सबसे गहरी नदी है।

7. यांग्त्ज़ी नदी – यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी नदी है। यांतजी एशिया की सबसे बड़ी नदी है जो चीन में बहती है। इस नदी की लंबाई 6300 किलोमीटर है।

8. सिंधु नदी – यह एक ऐतिहासिक नदी है। इसके पास कई प्राचीन सभ्यताओं का विकास हुआ है। सिंधु घाटी सभ्यता का विकास भी सिंधु नदी के पास हुआ है। इस नदी की लंबाई 3200 किलोमीटर है। इसका उद्गम स्थल तिब्बत का पठार है। यह अरब सागर में जाकर मिलती है। सिंधु नदी भारत, पाकिस्तान और चीन होकर बहती है। सिंधु नदी की सहायक नदियों में रावी, सतलज, चेनाब नदी प्रमुख है।

9. सरस्वती नदी – यह भी ऐतिहासिक और पवित्र नदी है। यह वर्तमान में विलुप्त हो चुकी है। वेद और पुराणों में इस नदी का जिक्र मिलता है। वर्तमान में यह नदी धरातल पर सुख चुकी है लेकिन धरातल के नीचे आज भी यह बहती है।

10. गोदावरी नदी – इस नदी को दक्षिण भारत की गंगा भी कहते है। यह एक दक्षिण तटवर्तीय नदी है। इस नदी का उद्गम स्थल महाराष्ट्र का नासिक है। नासिक से बहते हुए यह बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

गंगा नदी, यमुना नदी और सरस्वती नदी का संगम त्रिवेणी संगम कहलाता है। इन नदियों के अलावा भी कावेरी नदी, नर्मदा नदी, यमुना नदी, महानदी, कृष्णा नदी, लुणी नदी, बनास नदी, अलकनंदा नदी, सरयू नदी, चम्बल नदी, गंडक नदी जैसी कई नदियाँ है जो भारत में बहती है। विश्व में बहने वाली अन्य प्रमुख नदियों में अमूर नदी, डेन्यूब नदी, इरावदी, लेना नदी, मिसिसिपी नदी, मैकेंजी नदी, नाइजर नदी, पराना नदी, पराग्वे नदी जैसी नदियां आती है।

नदी पर निबंध Essay On River In Hindi, नदियों के लाभ (Advantages Of Rivers) और विश्व की प्रमुख नदियाँ (Rivers Name In Hindi) के बारे में यह आर्टिकल River Information In Hindi आपको कैसा लगा? यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे शेयर भी करे।

Frequently Asked Question About Rivers:-

Q.1 पूर्णत भारत में बहने वाली सबसे लम्बी नदी कौनसी है?

Ans. गंगा नदी

Q.2 बिहार का शौक किसे कहते है?

Ans. कोसी नदी

Q.3 दक्षिण भारत की गंगा किसे कहते है?

Ans. गोदावरी नदी

Q.4 दुनिया की सबसे लम्बी नदी कौनसी है?

Ans. नील नदी

Q.5 त्रिवेणी संगम किसे कहते है?

Ans. गंगा नदी, यमुना नदी और सरस्वती नदी का संगम

Q.6 नदी का पर्यायवाची शब्द क्या है?

Ans. आपगा, सरिता, तटिनी, प्रवाहिनी

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