यह पोस्ट History Of Maharana Pratap In Hindi महाराणा प्रताप की जीवनी (Biography Of Maharana Pratap In Hindi) पर आधारित है। महाराणा प्रताप अपनी वीरता और शौर्य के लिए इतिहास में प्रसिद्ध है। इतिहास में वीरता की बात हो तो महाराणा प्रताप का नाम अग्रीम पंक्ति में आता है। उन्होंने अपने शत्रुओं के खिलाफ कई बार युद्ध लड़ा और जीते भी। इसी महान पराक्रमी और स्वाभिमानी राजा के बारे में जानने का छोटा सा प्रयास है।
राणा प्रताप ने अपने जीवन में कभी भी हार नही मानी और सदैव आशावादी रहे थे। कई बार हारने पर भी उन्होंने उम्मीद नही छोड़ी और वापस जीतकर दिखाया। इस आर्टिकल “Maharana Pratap Ki Jivani” में महाराणा प्रताप के आदर्श रूपी जीवन का संक्षिप्त विवरण है।
महाराणा प्रताप का जीवन परिचय Biography Of Maharana Pratap In Hindi
राजपूत राजाओं का अपना एक गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। राजपूत अपनी वीरता और बलिदान के लिए जाने जाते है।महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) मेवाड़ राज्य के राजपूत राजा थे। मेवाड़ एक राजपुताना राज्य था जो अभी राजस्थान राज्य में आता है। मेवाड़ पर शासन चितौड़ के किले से चलाया जाता था। महाराणा प्रताप “प्रजा प्रिय” राजा थे जो सदैव अपनी प्रजा का भला सोचते थे। महान राणा प्रताप का जन्म 8 मई 1540 को मेवाड़ में हुआ था। महाराणा प्रताप के पिता का नाम “राणा उदय सिंह” था जो उदयपुर के राजा थे। राणा प्रताप की माता जी का नाम जयवंता बाई था। महाराणा प्रताप की ऊंचाई 7 फ़ीट से भी अधिक थी। राणा प्रताप युद्ध कौशल में निपुण थे।
महाराणा प्रताप की पहली धर्मपत्नी का नाम अजबदे पुनवार था और अजबदे के अलावा भी 11 पत्नियां राणा प्रताप की थी। महाराणा प्रताप के कुल 17 पुत्र थे जिनमें से उनके बाद उनका पुत्र अमर सिंह गद्दी पर बैठा था। महाराणा प्रताप ने मुगल बादशाह अकबर के खिलाफ कई युद्ध लड़े जिनमें “हल्दी घाटी” का युद्ध काफी प्रसिद्ध है।
राजा महाराणा प्रताप के समय देश पर मुग़ल बादशाह अकबर का राज था। अकबर ने लगभग पूरे देश मे जीत हासिल की थी। राजपुताना में कई राजाओं को पराजित करके या संधि करके उनके राज्य को जीत लिया था। अकबर की नजर मेवाड़ पर भी थी। इसको हासिल करने के लिए अकबर ने उदयसिंह को सन्धि का प्रस्ताव भी भेजा था। मानसिंह और राजा टोडरमल भी उनके पास अकबर की और से शांति प्रस्ताव लेकर गए थे लेकिन स्वाभिमानी महाराणा प्रताप को झुकना मंजूर नही था। इसलिये फैसला युद्ध पर छोड़ दिया गया।
महाराणा प्रताप का इतिहास History Of Maharana Pratap In Hindi
अकबर की और से राजा मानसिंह ने करीब 80000 सैनिको के साथ मोर्चा संभाला था। राजा उदयसिंह की और से कई राजपूत राजाओं और अफगानी राजाओ ने युद्ध किया था। राणा प्रताप की सेना में 20000 के आसपास सैनिक थे। वर्ष 1576 में हुआ यह युद्ध हल्दी घाटी में लड़ा गया था। राणा प्रताप के सेनापति का नाम सरदार हाकिम खान सूरी था।
इस युद्ध के दौरान कई राजपूत राजाओ ने अकबर की अधीनता स्वीकार की थी। यह युद्ध राजा उदयसिंह हार गए। राजा महाराणा प्रताप ने अपने साहस और बहादुरी का परिचय इस युद्ध मे दिया था और मुग़ल सेना से जमकर लोहा लिया। बादशाह अकबर भी उनकी वीरता के मुरीद थे। महाराणा प्रताप को मेवाड़ के बाहर पहले ही भेज दिया गया था। इसमे एक आशा थी कि प्रताप वापस मेवाड़ को एक दिन जीत लेंगे। अपने राज्य के प्रति महाराणा प्रताप का बलिदान अमर और अतुलनीय है।
महान महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) ने युद्ध के बाद अरावली पर्वत के जंगलो में रहकर जीवन व्यतीत किया और धन बल एकत्र किया। “भामाशाह” जैसे महान लोगो ने महाराणा प्रताप की आर्थिक रूप से काफी मदद की थी। उन्होंने लोगो को वापस संघटित किया और सेना बनाई। अपने इन दिनों में महाराणा घास की बनी रोटियां खाया करते थे लेकिन उनमें एक उम्मीद थी कि वो एक दिन वापस अपने राज्य को जीत लेंगे।
महाराणा प्रताप और चेतक
महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) ने वापस युद्ध लड़ा और कुछ इलाकों को जीता भी लेकिन पूर्ण राज्य प्राप्त नही कर पाए। राणा प्रताप ने वीर योद्धा की तरह अपनी पूरी जिंदगी जी और त्याग और बलिदान किया। प्रताप जिस घोड़े पर सवार होकर युद्ध करते थे, उसका नाम चेतक था। चेतक घोडे को वफादारी की मिशाल माना जाता है। चेतक बहादुर और फुर्तीला अफगानी नस्ल का घोड़ा था।
इतिहास में आता है कि महाराणा प्रताप के कवच का वजन करीब 70 किलो था। उनके भाले का वजन ही 80 किलो से ज्यादा था। 29 जनवरी 1597 का वक्त था जब शूरवीर महाराणा प्रताप अपने प्राण त्यागे थे।
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नोट – महान महाराणा प्रताप का इतिहास History Of Maharana Pratap In Hindi पर यह आर्टिकल “Biography Of Maharana Pratap In Hindi” आपको कैसा लगा। “महाराणा प्रताप का जीवन परिचय Maharana Pratap Ki Jivani” पर आपके विचारो का कमेंट बॉक्स में स्वागत है। हम आशा करते है की महाराणा प्रताप की जीवनी पर आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा।
informative article….nice
thanks