जल प्रदूषण पर निबंध | Essay On Water Pollution In Hindi

जल प्रदूषण के कारण, प्रभाव और उपाय पर निबंध Essay On Water Pollution In Hindi

Essay On Water Pollution In Hindi

जल प्रदूषण वर्तमान की ज्वलन्त समस्या है। धरती पर जीवन के लिये जरूरी तत्वों में से एक जल ही है। कई प्रकार के कारणों की वजह से यह जल प्रदूषित हो रहा है। पूरी दुनिया में पीने लायक जल की मात्रा सीमित है। यह आर्टिकल Essay On Water Pollution In Hindi जल प्रदूषण पर निबंध पर है।

जल प्रदूषण के कारण,प्रभाव और निवारण के उपायों पर चर्चा करना जरूरी है। धरती की सुंदरता पेड़ पौधों से है और इनको पनपने के लिए जल आवश्यक है। जल प्रदूषण एक बेहद ही गम्भीर मुद्दा है। इसका निवारण मनुष्य के हाथ में ही है। जल प्रदूषण पर यह निबंध स्कूली बच्चों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। तो आइए जल प्रदूषण पर निबंध हिंदी में (Water Pollution Essay In Hindi) पर चर्चा करते है।

जल प्रदूषण क्या है और जानकारी Water Pollution In Hindi

जल प्रदूषण (Essay On Water Pollution In Hindi) एक व्यापक समस्या है जो धरती पर मौजूद वनस्पति और जीवों को प्रभावित करती है। सबसे पहला प्रश्न यह है कि जल प्रदूषण क्या है? जल में किसी भी प्रकार की अशुद्धि का मिलना जल प्रदूषण कहलाता है।

अपशिष्टों के कारण पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इस प्रकार का जल पीने लायक नही होता है। इस प्रकार के जल का रंग और गंध अलग होती है। यह दूषित जल जीवों में कई प्रकार के दोष और बीमारियां उत्पन्न करता है। जीवो को स्वच्छ और साफ पानी जरूरत है।

पूरे ब्रह्मांड में सबसे खूबसूरत ग्रह अपनी धरती है। इसका कारण पृथ्वी पर जीवन का होना है। जल के बिना जीवन सम्भव नही है। इंसान लालचवश जीवन रूपी जल को प्रदूषित कर रहा है। जल प्रदूषण के लिए सबसे बड़ा उत्तरदायी मनुष्य ही है।

नदियों और महासागरों का पानी भी दूषित हो गया है। जल प्रदूषण के कारण ही पवित्र नदी गंगा भी प्रदूषण की चपेट में है। जल प्रदूषण के कारण ही मानव जीवन काफी प्रभावित हो गया है। तो आइये जल प्रदूषण के कारणों को जानते है।

जल प्रदूषण के कारण क्या है? Causes Of Water Pollution

जल प्रदूषण (Essay On Water Pollution In Hindi) के मुख्य दो कारण हो सकते है। पहला मानव जनित और दूसरा प्राकृतिक कारण।

  • सबसे बड़ा कारण मानव जनित ही है। मानव जनित कूड़ा कचरा का प्रबंधन सही तरीके से ना होना जल प्रदूषण का कारण है। हम सार्वजनिक स्थानों पर कचरे को यहां वहां फेंक देते है जो किसी भी प्रकार से तालाबों और नदियों में चला जाता है। इससे जल प्रदूषित होता है।
  • शहरों और गांवों की नालियों में पानी निकासी की उचित व्यवस्था नही होने पर नालियों का गंदा पानी ठहर जाता है। इससे मच्छर उत्पन्न होते है जो कई प्रकार की गंभीर बीमारी का कारण बनते है।
  • कूड़ा करकट का उचित प्रबन्धन नही होने पर वह कचरा बारिश के पानी के साथ तालाबों और नदियों में मिल जाता है। और जल प्रदूषण का कारण बनता है। प्लास्टिक कचरा भी पानी में मिलकर उसे दूषित करता है।
  • हम कपड़े धोने के लिए डिटेरजेंट पाउडर का उपयोग करते है जो पानी में मिलकर उसे दूषित करता है। यह दूषित पानी मानव के लिए तो हानिकारक है लेकिन साथ ही पोधों के लिए भी हानिकारक है।
  • नित्य क्रिया के लिए खासकर गांवो में आमजन तालाबों के पास मल त्याग करते है। इससे जल प्रदूषित होता है। इस जल को पशु पक्षी पीते है जो उनके लिए दूषित होता है।
  • जल प्रदूषण का एक बड़ा कारण औधोगिक अपशिष्ट है जो नदियों और तालाबों के पानी में मिलकर जल प्रदूषण करते है। औधोगिक अपशिष्टों में कई प्रकार के रसायन आते है जो बेहद खतरनाक होते है। नदियों और सागरों में पाए जाने वाले जीवों पर विपरीत प्रभाव छोड़ते है। इन प्रदूषकों में मर्करी, पारा, कैडमियम जैसे हानिकारक तत्व आते है। चमड़ा उद्योग और कागज उद्योग से निकलने वाला रसायन पानी में जहर घोलता है।

जल प्रदूषण का कारण (Water Pollution In Hindi)

  • Essay On Water Pollution In Hindi – कच्चे तेल की आवाजाही के लिए समुद्र का रास्ता तय किया जाता है। कच्चे तेल को जहाज के द्वारा एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाता है। किसी कारणवश जहाज की दुर्धटना होने पर सारा तेल समुद्र के पानी में मिल जाता है। यह तेल समुद्र के पानी को प्रदूषित करता है। इससे समुद्र में पाए जाने वाले जीवों को खतरा होता है। मछलियां भी इसी वजह से मर रही है।
  • कार्बनिक प्रदार्थो के मिलने से भी जल प्रदूषण होता है। मरे हुए जीव जंतु और पेड़ पौधों के अपशिष्ट जल में मिलकर उसे प्रदूषित करते है।
  • जल प्रदूषण का एक कारण जनसंख्या में व्रद्धि भी है। अत्यधिक जनसंख्या के कारण जल स्रोतों में कमी आयी है। ज्यादा जनसंख्या का अर्थ है कि ज्यादा नित्य क्रिया कलाप जिससे जल प्रदूषित होता है।
  • प्राकृतिक कारण से होने वाले जल प्रदूषण में ज्वालामुखी विस्फोट से निकला लावा और धूल जो पानी में मिलकर उसे दूषित करती है। पेड़ पौधों की पत्तियां नदियों में मिल जाने से भी जल दूषित होता है। बाढ़ के कारण भी जल प्रदूषित होता है। बाढ़ के दौरान मरे हुए जीव और कचरा बहते हुए नदियों और तालाबों में मिल जाते है।
  • कृषि में कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से भी जल प्रदूषण होता है। पानी में मिलकर ये कीटनाशक उसे दूषित करते है।

जल प्रदूषण के प्रभाव Water Pollution Effects In Hindi

  • जल प्रदूषण का प्रभाव (Water Pollution Effect Essay Hindi) व्यापक होता है। यह मानव और पशु पक्षियों को समान रूप से प्रभावित करता है। पेड़ पौधों के विकास को भी प्रभावित करता है।
  • दूषित जल पीने से कई प्रकार की गम्भीर बीमारियां हो सकती है। मानव स्वास्थ्य को काफी क्षति भी पहुचती है। जिस जगह का पानी प्रदूषित होता है, वहां संक्रमण बीमारियां ज्यादा फैलती है।
  • पानी के साथ कई हानिकारक बैक्टीरिया और जीवाणु शरीर में चले जाते है। जिससे पेट सबन्धी बीमारी होने की संभावना बनती है। हैजा, पेचिश, टाइफाइड जैसी बीमारी दूषित पानी पीने से ही होती है। पानी के साथ आने वाले हानिकारक तत्व लिवर, गुर्दा और आंतों को प्रभावित करते है। Essay On Water Pollution In Hindi
  • जल प्रदूषण के कारण समुद्री जीवों का भी नाश हो रहा है। समुद्री जीवों की घटती संख्या जल प्रदूषण ही है। जल प्रदूषण के कारण लाखों मछलियां मर रही है। समुद्री जीवों की कई प्रजातियां विलुप्त हो रही है।
  • दूषित जल खेती योग्य भूमि को नष्ट करता है। भूमि की उपजाऊ परत को हटाकर उसकी उवर्कता को खत्म कर देता है।
  • जल प्रदूषण से नदियों और तालाबों के पानी में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इससे जलीय जीवों का जीना दुश्वार हो जाता है। ऐसे जलीय इलाकों में मृत मछलियां तैरती हुई दिख जाती है।
  • फैक्ट्रियों से निकलने वाले रसायन से जल प्रदूषित होकर नदियों और तालाबों को हानि पहुँचाता है। जलीय जीव और पशु पानी पीकर मर जाते है।
  • प्रदूषित जल की सिंचाई से उपजी फसल मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। इस पानी मे पनपी सब्जियां कई बीमारियों को पनपा देती है।

जल प्रदूषण को रोकने के उपाय Solution Of Water Pollution

जल प्रदूषण पर निबंध (Essay On Water Pollution In Hindi)

  • Water Pollution को रोकने में सबसे उपयुक्त उपाय सामाजिक जागरूकता है। जल के महत्व के प्रति लोगो को जागरूक होना पड़ेगा।
  • जल ही जीवन है कि शिक्षा स्कूल के पाठ्यक्रम में सम्मिलित होनी चाहिए। बच्चों को जल के विषय में सदैव जागरूक करते रहना चाहिए। जल प्रदूषण के कारण और प्रभाव की जानकारी जन सामान्य को देनी आवश्यक है।
  • जल प्रदूषित होने से रोकने का सबसे बढ़िया उपाय प्रदूषकों को जल में मिलने से रोकना है। हानिकारक तत्वों की निकासी जल में करने पर रोक होनी चाहिए।
  • घरों से निकलने वाले अपशिष्ट प्रदार्थो का निष्पादन त्वरित होना चाहिए। घरों में एकत्र होने वाले कचरे को यहां वहां ना फेंककर डस्टबीन में डालना चाहिए। प्लास्टिक कचरे का उचित निस्तारण होना चाहिए।
  • फैक्ट्रियों को नदियों और सागरों के किनारे स्थापित नही करना चाहिये। प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों पर कार्यवाही होनी चाहिए। इन पर कड़े नियम और पाबंदी होनी जरूरी है। कपड़ा फैक्टरी, रंग फैक्टरी, चमड़ा उधोग सबसे ज्यादा प्रदूषक निकालते है जो सीधे नदियों में छोड़े जाते है।
  • जल स्रोतों पर नहाने और कपड़े धोने पर पाबंदी जरूरी है। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम ऐसा ना करे।
  • आम जन की मल मूत्र की नित्य क्रियाओं को तालाबों के पास नही होने देना चाहिए। इसके लिए प्रत्येक घर में एक शौचालय होना जरूरी है।
  • कृषि में उर्वरक और कीटनाशकों का उपयोग सीमित करना चाहिए। यह भी जल प्रदूषण का एक कारण है।
  • नदियों की सफाई होती रहनी चाहिए। हमारी पवित्र नदी गंगा प्रदूषकों के कारण मैली हो चुकी है। हम भी नदियों में कचरा डाल रहे है और नदियों के प्रदूषण के जिम्मेदार हम ही है।

जल प्रदूषण पर निबंध Water Pollution Essay In Hindi

जल प्रदूषण (Water Pollution) की मात्रा को मापने के कुछ तरीके है। पानी मे मिली अशुद्धि आसानी से देखी जा सकती है। दूषित पानी का रंग और गंध शुद्ध पानी से अलग होता है। अपशिष्टों से होने वाले जल प्रदूषण को बीओडी या सीओडी में मापा जाता है।

जल में ऑक्सीजन की भी निर्धारित मात्रा होती है। जल में कुछ रासायनिक तत्वों की मात्रा निचित सीमा में होनी चाहिए। इसकी मात्रा ज्यादा होने पर जल “प्रदूषित” कहलाता है। Essay On Water Pollution In Hindi निबंध में जल प्रदूषण की जानकारी विस्तारपूर्वक मिल गयी होगी।

दोस्तों दुनिया में वेसे तो 70 फीसदी से ज्यादा जल है लेकिन पीने योग्य पानी केवल 3 प्रतिशत ही है। इसमें से भी लगभग 2.4 फीसदी मीठा पानी ग्लेशियरों के रूप में जमा हुआ है जो हमारे किसी काम का नही है। मीठा पानी तालाबों, कुओं, नदियों और झीलों में मौजूद है।

भूमिगत जल का स्तर विगत कुछ वर्षों में कम हुआ है। इसलिए जल का महत्व समझना हमारा फर्ज है। मानवजाती का भविष्य जल पर ही टिका है। इसलिये जल को प्रदूषित होने से बचाइए। जल है तो कल है।

प्रदूषण पर निबंध की अन्य पोस्ट्स –

नोट – जल प्रदूषण पर निबंध Essay On Water Pollution In Hindi पोस्ट में जल प्रदूषण के कारण, जल प्रदूषण के प्रभाव और उपाय की जानकारी आपको कैसी लगी। यह पोस्ट “Jal Pradushan Par Nibandh Hindi Mai” अच्छी लगी हो तो इसे शेयर भी करे।

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