माउंट एवरेस्ट के रोचक तथ्य Mount Everest Information In Hindi

Mount Everest Information In Hindi

Mount Everest Information In Hindi माउंट एवरेस्ट की जानकारी

यह आर्टिकल Mount Everest Information In Hindi दुनिया के सबसे ऊँचे पर्वत माउंट एवरेस्ट के बारे में है।माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊंचा पहाड़ है। यह हिमालय पर्वत श्रंखला में स्थित है। तिब्बत की सीमा पर मौजूद यह पर्वत सबसे ऊंचे पर्वत का खिताब अपने नाम किया हुआ है। माउंट एवरेस्ट से जुड़ी रोचक जानकारी Mount Everest In Hindi

माउंट एवरेस्ट About Mount Everest In Hindi –

1. यह पर्वत 8840 मीटर के साथ दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है। 8840 मीटर की ऊंचाई समुद्र तल से है। एवरेस्ट तिब्बत की सीमा से सटा हुआ, नेपाल देश मे मौजूद है। इस पर्वत पर हर समय बर्फबारी होती रहती है।

2. माउंट एवरेस्ट Mount Everest को नेपाल में “सागरमाथा” कहते है जिसका अर्थ “स्वर्ग का शीर्ष” होता है। तिब्बत में “चोमोलंगमा” कहते है जिसका अर्थ होता “पर्वतों की रानी”। इन क्षेत्रों के लोग इस पर्वत को पूजते भी है। संस्कृत भाषा मे माउंट एवरेस्ट को “देवगिरी पर्वत” भी कहा जाता है। माउंट एवरेस्ट को दुनिया का मुकुट भी कहते है।

3. माउंट एवरेस्ट करीब 6 करोड़ साल पुराना पर्वत है। मांउट एवरेस्ट हिमालय पर्वत श्रेणी में आता है। हिमालय पर्वत की उत्पत्ति के सन्दर्भ में कई सारी थ्योरी है लेकिन सबसे नजदीकी थ्योरी “लॉरेशिया महाद्वीप थ्योरी” है। करोड़ो साल पहले हिमालय के आसपास एक विशाल समुद्र था जिसके पास एक लॉरेशिया नामक महाद्वीप था। पृथ्वी में हुई उथल पुथल के कारण यह महाद्वीप एशिया से जा टकराया। इससे हिमालय की उत्पत्ति हुई थी।

4. 1840 के आसपास इंग्लैंड के सर्वेक्षण अधिकारी जॉर्ज एवरेस्ट ने इसकी खोज की थी। एंड्रयू वॉ ने इस पर्वत का सर्वेक्षण कार्य पूरा किया था। वर्ष 1865 में इस पर्वत का नाम जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर माउंट एवरेस्ट रखा गया।

Mount Everest Information In Hindi –

5. माउंट एवरेस्ट Mount Everest पर चढ़ाई करने के लिए कुल 18 मार्ग है। इस पर्वत पर चढ़ने के लिए पहले ट्रेनिंग लेना आवश्यक होता है। पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कड़ी ट्रेनिंग लेते है। एक पर्वतारोही के पास ऑक्सिजन सिलिंडर, एक नायलॉन की रस्सी, केम्प्रोस शूज, एक विशेष प्रकार का सूट जो शरीर को गर्म रखता है, होता है।

6. माउंट एवरेस्ट के शिखर की और बढ़ने पर ऑक्सिजन का स्तर कम होता जाता है। इसकी चोटी पर ऑक्सिजन सिलंडर की आवश्यकता पड़ती है। यहां बर्फीली हवाएं हमेशा चलती रहती है जिनकी रफ्तार करीब 200 मील प्रति घण्टा होती है।

7. हिमालय पर्वत के आसपास नदिया मौजूद है। इसी पर्वत के तले कई सभ्यताएं विकसित हुई। एवरेस्ट की शिखर चोटी बर्फ से ढकी हुई है। माउंट एवरेस्ट में कई तरह के पत्थर है जैसे कि चुना पत्थर, शैल इत्यादि। वेसे तो एवरेस्ट पर्वत पर प्रतिकूल जलवायु के कारण कोई वनस्पति नही है लेकिन कुछ जन्तुओ की प्रजाति यहाँ मिल जाती है।

8. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में वहां के स्थानीय निवासी शेरपा मदद करते है। शेरपा हिमालय के इलाके में बसे लोगो को कहा जाता है। ये लोग बड़े ही फुर्तीले और चुस्त होते है। पहाड़ो पर चढ़ने में इन्हे महारत हासिल होती है।

About Mount Everest In Hindi माउंट एवरेस्ट –

9. माउंट एवरेस्ट Mount Everest पर पहली सफल चढ़ाई एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोरगे ने की थी। दोनों 29 मई 1953 को इसके शिखर पर पहुंचे थे। प्रथम भारतीय महिला बछेंद्री पाल थी जिन्होंने एवरेस्ट फतह की थी। जापान के युइचिरो मिऊरा ने 80 साल की उम्र में 23 मई 2013 को एवरेस्ट की चढ़ाई की थी। जॉर्डन रेमेरो नामक लड़के ने केवल 13 साल की उम्र में एवेरेस्ट की चढ़ाई पूरी की थी।

10. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करना आसान कार्य नही है। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई में कई लोगो ने अपनी जान भी गंवाई है। पर्वत पर चलने वाली तेज हवाएं, भूस्खलन, भारी बर्फबारी इन मौतों की मुख्य वजह है। इतनी परेशानी आने के बावजूद ये हौंसले होते है कि पर्वतारोही एवरेस्ट फतह कर पाता है।

11. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने का समय मार्च से मई का बेस्ट माना गया है। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए नेपाल सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके लिए पर्वतारोही को 11 हजार डॉलर जितनी मोटी रकम नेपाल सरकार को देनी होती है।

12. हाल ही के वर्षो में एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोहियों की संख्या में तेजी से बढ़ौतरी हुई है। पर्वतारोही अपने साथ कई सामान ले जाते है जिन्हें चढ़ाई के बाद वही छोड़ दिया जाता है। इससे माउंट एवरेस्ट के इलाके में काफी भारी मात्रा में कचरा जमा हो गया है। इसलिये वहां का पर्यावरण दूषित हो रहा है।

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