निकोलस कोपरनिकस की जीवनी Nicolaus Copernicus In Hindi

इस पोस्ट Nicolaus Copernicus In Hindi में कोपरनिकस निकोलस कोपरनिकस की जीवनी (Nicolaus Copernicus Biography In Hindi) के बारे में जानेंगे। प्राचीन समय मे ब्रह्माण्ड, सूर्य और धरती के संदर्भ में दुनिया के लोगो के विचार आज के आधुनिक विचारों से पूर्णतया भिन्न थे। प्राचीन समय मे यह माना जाता था कि धरती ब्रह्माण्ड का केंद्र है और सूर्य समेत सारे तारे पृथ्वी का चक्कर लगा रहे है।

ऐसा वास्तव में नही होता है लेकिन यह मान्यता हमेशा से चली आ रही थी। चर्च के धार्मिक विचार भी इसी मान्यता का समर्थन करते थे। टॉलमी नाम के दार्शनिक के विचार भी पृथ्वी को ब्रह्माण्ड का केंद्र मानते थे। महान दार्शनिक अरस्तु भी इसी विचार को मानते थे। तो आइये दोस्तों, निकोलस कोपरनिकस के बारे में जानने का प्रयास करते है।

Nicolaus Copernicus In Hindi

निकोलस कोपरनिकस की जीवनी Biography Of Nicolaus Copernicus In Hindi

दुनिया को ब्रह्माण्ड के बारे में आधुनिक विचार महान खगोलवीद और ज्योतिष निकोलस कोपरनिकस ने दिया था। निकोलस कोपरनिकस (Nicolaus Copernicus) ने सर्वप्रथम बताया था कि धरती सूर्य के चक्कर लगाती है।

निकोलस कोपरनिकस का जन्म 19 फरवरी, 1473 को पोलेंड में हुआ था। कोपरनिकस के पिता एक व्यापारी थे। कोपरनिकस की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही एक स्कूल में हुई थी। आगे की पढ़ाई निकोलस ने कार्को विश्वविद्यालय में की थी। कार्को शहर में एल्बर्ट वुडजेव्स्की नामक ज्योतिष रहते थे जिनकी छत्रछाया में रहकर ज्योतिष और गणित की पढाई की थी। यही पर रहकर निकोलस ने चित्रकला की पढ़ाई भी की थी।

इसके बाद निकोलस कोपरनिकस (Nicolaus Copernicus) इटली चले गए जहाँ उन्होंने औषधि शास्त्र और ज्योतिष का गहन अध्ययन किया। रोम विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के पद पर भी कार्यरत रहे। कोपरनिकस ने बहुत जल्द यह नौकरी छोड़ दी और ईसाई धर्म प्रचारक बन गए।

Nicolaus Copernicus Heliocentric Theory In Hindi –

निकोलस कोपरनिकस ने “De Revolution” नामक पुस्तक लिखी थी। इसी पुस्तक में कोपरनिकस ने ब्रह्माण्ड से सम्बंधित विचार प्रस्तुत किये थे। उन्होंने इसमे बताया कि पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती है और दिन में पूरा एक चक्कर लगाती है और सूर्य का चक्कर 1 साल में लगाती है।

इस पुस्तक में कोपरनिकस ने बताया कि धरती ब्रह्माण्ड का केंद्र नही है। यह मॉडल हेलियोस्ट्रिसम मॉडल कहलाता है। पृथ्वी और दूसरे पिंड सूर्य का चक्कर लगा रहे है। वेसे कोपरनिकस ने सूर्य को ब्रह्माण्ड का केंद्र बताया था जो कि सत्य नही है। आधुनिक खोजो से इस बात की पुष्टि हुई कि सूर्य भी ब्रह्माण्ड का केंद्र नही है। कोपरनिकस ने यह भी बताया कि चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है और पृथ्वी उसका केंद्र है।

कोपरनिकस ने ये तथ्य अपने अनुमान से दिए थे। वो अंतरिक्ष को घन्टो निहारकर ऐसे ही गणनायें करते थे। गैलिली गैलेलियो ने कोपरनिकस की इन बातों की पुष्टि की थी। गैलेलियो ने शक्तिशाली दूरबीन की सहायता से निकोलस कि बातो को सिर्द्ध किया था।

कोपरनिकस के बारे में जानकारी Copernicus Information In Hindi

निकोलस ने तारो की अंतरिक्ष मे स्थिती बताने के लिए “Prutenic Table” की रचना की थी। कोपरनिकस ने ग्रेसम नियम प्रतिपादित किये थे जिसके अनुसार खराब मुद्रा अच्छी मुद्रा को चलन के बाहर कर देती है। उस समय की पोलैंड सरकार ने इसी नियम से मुद्रा में स्थिरता लाने का प्रयास किया था।

निकोलस कोपरनिकस (Nicolaus Copernicus) का निधन 24 मई , 1543 को हुआ था। कोपरनिकस का योगदान विश्व का कभी नही भुलाए जाने वाला योगदान है। कोपरनिकस ने पुरानी मान्यताओं को तोड़कर वैज्ञानिक तथ्य से ब्रह्माण्ड को समझाया था।

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