अल्फ्रेड नोबेल की जीवनी Biography Of Alfred Nobel In Hindi

इस पोस्ट में डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की जीवनी Biography Alfred Nobel In Hindi और उनका विज्ञानं में योगदान बताया गया है। नोबेल पुरस्कार महान वेज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) के सम्मान में हर साल 10 दिसम्बर को दिया जाता है। अल्फ्रेड नोबेल को डायनामाइट का आविष्कारक भी कहा जाता है।

नोबेल पुरस्कार दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है जो भौतिकी, रसायन, चिकित्सा, अर्थशास्त्र, शांति और साहित्य के क्षेत्र में दिया जाता है। तो दोस्तो इसी महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की जीवनी के बारे में जानते है।

Alfred Nobel In Hindi

अल्फ्रेड नोबेल की जीवनी Biography Of Alfred Nobel In Hindi

अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) का जन्म 21अक्टूम्बर, 1833 को स्वीडन में हुआ था। प्रेतक शहर का नाम स्टॉकहोम था। पिता का नाम इनेमुअल था जो पुल बनाने का कार्य करते थे। अल्फ्रेड नोबेल बचपन मे ही अपने पिता के साथ सेंट्स पिट्सबर्ग आ गए। यहां पर अल्फ्रेड नोबेल के पिता गन पाउडर का कारखाना चलाते थे। यह धंधा जोरो से चलने लग गया क्योंकि सेना के हथियारों में गन पावडर का इस्तेमाल बहुत होता था।

नोबेल की प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई थी जहाँ उनको एक ट्यूशन टीचर पढ़ाते थे। यही से अल्फ्रेड को रसायन विज्ञान का ज्ञान मिला था। अल्फ्रेड नोबेल ने पेरिस जाकर केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी।

अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) जीवनभर कुंवारे रहे और उन्होंने शादी नही की। नोबेल इस बात से भी दुखी थे कि उनके आविष्कार का उपयोग मानव हत्या में हो रहा है। यही एक चिंतन था जिसकी वजह से नोबेल ने अपनी वसीयत करके सम्पूर्ण धनराशि चैरिटी कर दी। नोबेल यह नही चाहते थे कि दुनिया उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाने जिसने डायनामाइट का आविष्कार किया। जिससे हजारो लोग मारे जाते है। इसीलिये उन्होंने नोबेल शांति पुरस्कार की नींव डाली थी।

डायनामाइट का आविष्कार और अल्फ्रेड नोबेल का योगदान Alfred Nobel Information In Hindi

अल्फ्रेड नोबेल का फेमस आविष्कार डायनामाइट था जिसका उन्होंने 1867 को पेटेंट करवाया था। अल्फ्रेड ने नाइट्रो ग्लिसरीन में सिलिका मिलाकर डायनामाइट बनाया था। इस प्रदार्थ को सिलिंडर में आसानी से भरा जा सकता था। यह प्रदार्थ इतना खतरनाक था कि इसकी एक बूंद भी भयानक विस्फोट कर सकती थी। इसी नाइट्रोग्लिसरीन की वजह से अल्फ्रेड के भाई की मृत्यु भी हुई थी।

डायनामाइट साधारण गन पाउडर से भी काफी शक्तिशाली था। अल्फर्ड नोबेल ने इसका व्यवसायिक निर्माण किया।खदानों में विस्फोट के लिए डायनामाइट की भारी मांग होती गयी। निर्माण कार्यो में भी इसकी मांग रही। अल्फर्ड नोबेल ने पूरी दुनिया मे डायनामाइट को सप्लाई किया था। अल्फ्रेड नोबेल ने डेटोनेटर का आविष्कार भी किया था।

अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु और नोबेल पुरूस्कार

10 दिसम्बर, 1896 में अल्फर्ड नोबेल का निधन हो गया। मौत आने से पहले अल्फर्ड नोबेल एक वसीयत करके चले गए। इस वसीयत के तहत अल्फर्ड ने अपनी उम्र भर की कमाई एक ट्रस्ट को दान कर दी। इस धनराशि से विश्व के काबिल लोगो को सम्मान मिले। इसी वसीयत के तहत विभिन्न क्षेत्र के लोगो को उनके उस क्षेत्र में किये गए कार्य के लिए पुरस्कार दिया जाता है।

वर्ष 1901 से नोबेल पुरस्कार का वितरण किया जा रहा है जो अभी तक जारी है। आज दुनिया अल्फ्रेड नोबेल को उनके आविष्कार डायनामाइट से ज्यादा नोबेल पुरस्कार के लिए जानती है।

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