दर्द शायरी – शाम ढले मेरे दर पर, अब न कोई दस्तक होगी – Hindi Sad Shayari

Dard Shayari In Hindi

Best Sad Shayari In Hindi –

शाम ढले मेरे दर पर, अब न कोई दस्तक होगी
फिर में हूँ और मेरी तन्हाई होगी।
आंगन में बिखर गए सूखे पत्ते
सन्नाटे के शोर में खो गई आवाज
अनजाने मेरे हाथ से फिसल गई
खुशी की घड़ी जो बीती तेरे साथ
कब इस पिंजरे से मन की रिहाई होगी
फिर में हूँ और मेरी तन्हाई होगी।

                                              एक अनजान शायर ………..
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