
History Of Radio In Hindi पोस्ट में रेडियो का आविष्कार (Radio Ka Avishkar Kisne Kiya) और इतिहास के बारे में बात करेंगे। “हम आकाशवाणी से बोल रहे है” यह शब्द आपने जरूर सुने होंगे। ये शब्द बार बार रेडियो (Radio) पर सुनने को मिलते थे। रेडियो हम हिन्दुस्तानियो की आदत बन चूका था लेकिन आज रेडियो (Radio) कही खो गया है। टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट के युग में रेडियो का उपयोग बहुत कम हो गया है। यु कहिये की रेडियो बीते जमाने की बात हो गयी है।
रेडियो का इतिहास History Of Radio In Hindi
आपको पता ही होगा की रेडियो का आविष्कार “Invention” मारकोनी (Markoni) ने किया था। इन्होंने पहला रेडियो संदेश First Radio Message इंग्लैण्ड से अमेरिका भेजा था। यह रेडियो की शुरुआत मानी जाती है लेकिन Radio Broadcasting के द्वारा सन्देश भेजा था रेगिनाल्ड फेसेंडेन (Reginald Fessenden) ने जो कनाडा Canada के वैज्ञानिक थे।
24 Dec 1906 को फेसेंडेन ने वायलिन बजाकर उसकी धुन को रेडियो तरंगों Radio Rays के माध्यम से अटलांटा महासागर में तैर रहे जहाजो तक पहुचाई थी। आगे चलकर रेडियो Radio का इस्तेमाल नोसेना में होने लगा लेकिन इसका प्रयोग केवल सेनाओं के इस्तेमाल तक सीमित हो गया था। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान (During First World War) गैर सेनाओं के द्वारा रेडियो का उपयोग गैरकानूनी कर दिया गया था।
दुनिया के पहले रेडियो स्टेशन की शुरुआत 1918 में न्यूयॉर्क New York में हुई थी। ली द फॉरेस्ट (Lee The Forest) ने इस रेडियो स्टेशन Radio Station की शुरुआत की थी लेकिन पुलिस को पता चलते ही इसको बन्द करवा दिया गया था। नवंबर 1920 में रेडियो पर लगी रोक को हटा लिया गया था।
भारत में रेडियो की शुरुआत कब हुई Radio Ka Avishkar Kisne Kiya
1927 तक भारत India में कई रेडियो स्टेशन खोले जा चुके थे। 1936 में सरकारी रेडियो की शुआत हुई जिसका नाम इम्पीरिअल रेडियो ऑफ़ इंडिया Imperial Radio Of India था । यही आगे चलकर आल इंडिया रेडियो (All India Radio) बना जिसको हम आकाशवाणी (Akashwani) भी कहते है।
भारत में रेडियो स्टेशन की शुरुआत मुम्बई (Mumbai) और कोलकाता (Kolkata) में 1927 को हुई थी। ये निजी रेडियो स्टेशन थे। 1930 में रेडियो Radio का राष्ट्रीयकरण हुआ था। 1939 में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान रेडियो का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था और रेडियो ट्रांसमीटर को सरकार को जमा कराने का निर्देश दिया गया था।
उस समय रेडियो इंजीनियर नरीमन प्रिंटर (Nariman Printer) ने रेडियो के पुर्जे अलग करके उनको छुपा दिया था। उसके बाद उन्होंने नेशनल कांग्रेस रेडियो National Congress Radio का प्रसारण शुरू किया। यह 1942 का साल था और इसी रेडियो स्टेशन से गांधीजी का नारा “अंग्रेजो भारत छोड़ो” का प्रसारण किया गया था।
रेडियो की जानकारी Information About Radio In Hindi
12 नवम्बर 1942 को नरीमन गिरफ्तार हो गए जिसके बाद यह रेडियो स्टेशन (Radio Station) बन्द कर दिया गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नारा “तुम मुझे खून दो में तुम्हे आजादी दूंगा” रेडियो के द्वारा जर्मनी (Germany) से प्रसारित किया गया था। आजादी के बाद भी रेडियो रखने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता था।
आज रेडियो FM की शक्ल ले चुका है और इसी वजह से अभी भी अपनी पहचान बनाये हुए है। दोस्तों रेडियो ने भारत की आजादी में अहम् भूमिका निभायी थी और कई इंकलाबी नारे और संबोधन इसी के द्वारा दिए गए थेl
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