ब्लैक होल क्या है! फैक्ट्स What Is Black Hole In Hindi

ब्लैक होल के बारे में जानकारी? Information About Black Hole In Hindi

What Is Black Hole In Hindi

दोस्तों इस अनन्त ब्रह्माण्ड में कई अलसुलझे रहस्य है और वैज्ञानिक लगातार उनको सुलझाने का प्रयत्न कर रहे है। Black Hole (कृष्ण विवर) ऐसा ही एक रहस्य है। सबसे पहली बात यह आती है कि ब्लैक होल क्या है? What Is Black Hole In Hindi? तो आइये “Black Hole Theory Information” को जानने का प्रयास करते है।

ब्लैक होल क्या है? What Is Black Hole In Hindi

जब कोई तारा अपना करोड़ो वर्षो का जीवन पूरा कर लेता है यानीकि तारा मरता है और उसकी हाइड्रोजन खत्म हो जाती है। इसके बाद वो तारा ठंडा होने लगता है, तब उस तारे में सुपरनोवा क्रिया होती है।

उस तारे के बचे हुए अवशेष के आसपास बहुत शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल लगता है जो आसपास के प्रदार्थ को अपनी और खींचता है यानीकि सारा प्रदार्थ सकुंचित होता है और एक केंद्र की तरफ सिकुड़ जाता है, तब यह एक काले बिंदु का रूप ले लेता है।

यह केंद्र बिंदु एक होल की तरह होता है और इसका आकार लगातार बढ़ता जाता है। इसको ही ब्लैक होल (Black Hole) कहते है। ब्लैक होल का आयतन नही होता है लेकिन घनत्व अनन्त होता है।

सुपरनोवा क्या है? Theory Of Black Hole In Hindi

सुपरनोवा एक तरह का तेज विस्फोट होता है जिसमे तारा बहुत तेज रोशनी के साथ जलता है और फिर बिखर जाता है। उस तारे के पदार्थ अन्तरिक्ष में फैल जाते है। ये पदार्थ बहुत तेज रोशनी के साथ चमकते है।

इस Concept को नोबेल प्राइस से सम्मानित भारतीय वैज्ञानिक सुब्रमण्यम चन्द्रशेखर ने अच्छी तरह से समझाया है। भारतीय वैज्ञानिक सुब्रमण्यम चन्द्रशेखर के अनुसार जब कोई तारा (जिसका द्रव्यमान Mass सौर द्रव्यमान से 1.4 गुना होता है) अपना ईंधन समाप्त कर लेता है तब अपने ही गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध स्वयं को संभाल नही पाता है। उस तारे में एक विस्फोट होता है, जिसे सुपरनोवा कहते है।

Space Time, Event Horizon And Neutron Star Concept

विस्फोट के बाद बचा हुआ तारे का अवशेष संकुचित होने लगता है और उसका घनत्व अत्यधिक होता है, इस तारे को न्यूट्रॉन तारा कहते है। ब्लैक होल अपने आसपास के सारे ग्रहों और तारों को अपनी और खींचता है। यहां तक कि यह अपने आसपास के प्रकाश को भी खींच लेता है। ब्लैक होल के चारो तरफ केवल अंधेरा होता है। रोशनी भी इसके पार नही जा पाती है।

ब्लैक होल (Black Hole In Hindi) में Time और Space विकृत हो जाता है यानीकि यहां पर फिजिक्स का कोई भी नियम कार्य नही करता है और यहाँ टाइम और स्पेस खत्म हो जाता है। सोचो दोस्तो अगर आप ऐसी जगह चले जाएं जहा कभी ना खत्म होने वाला समय है।

ब्लैक होल का सम्पूर्ण द्रव्यमान उसके छोटे से केंद्र बिंदु पर होता है जिसको “सेंट्रल सिंगुलैरिटी पॉइंट” कहते है। ब्लैक होल की सीमा को “इवेंट होराइजन” कहते है। इस सीमा के अंदर प्रवेश करने के बाद कोई भी वस्तु वापस नही आ सकती है, यहां तक कि प्रकाश भी नही आ सकता है।

ब्रह्मांड में हर जगह टाइम का Flow अलग अलग है। धरती पर जो समय की गति है वो ब्रह्मांड में किसी और जगह पर समय गति से भिन्न होती है। कही पर फ़ास्ट हो सकता है और कही पर धीमा। इसे Time Delusion कहते है। ब्लैक होल के पास जाने पर समय धीमा होता जाता है और ब्लैक होल में समय का कोई वजूद नही रहता है।

ब्लैकहोल की खोज किसने की थी? Black Hole Discovery In Hindi

Black Holes के बारे में सबसे पहले दुनिया को 1783 में प्रोफेसर “John Michell” ने अवगत कराया था। उनके केवल विचार थे कोई Scientific प्रूफ नही था। 1972 में सबसे पहला ब्लैक होल खोजा गया था जिसका नाम Cygnus X1 था।

ब्लैक होल के प्रकार और थ्योरी Black Hole Theory Information In Hindi

“Stellar Mass Black Hole” किसी भी तारे जो हमारे सूरज से कुछ बड़ा है के गुरुत्वाकर्षण से सिकुड़ने के कारण बनता है और दूसरा है “Super Massive Black Hole” जो ब्रह्मांड में खोजे गए अब तक के सबसे बड़े ब्लैक होल है और इनका निर्माण किसी भी गैलेक्सी के बीच मे होता है। इनका द्रव्यमान हमारे सूरज से भी लाखो गुना होता है और घनत्व अपार होता है और ये विशाल आकार के ब्लैक होल होते है।

एक तीसरे तरह का ब्लैक होल भी होता है जिसे “Primordial Black Hole” कहते है और माना जाता है की इन ब्लैक होल का निर्माण ब्रह्मांड की उत्पत्ति के समय हुआ है और इनका द्रव्यमान सूर्य से भी कम होता है।

ब्लैक होल वेसे तो अदुर्श्य होते है लेकिन इनका गुरुत्वाकर्षण प्रभाव बहुत शक्तिशाली होता है और यह अपने आसपास की चीजों को अपने पास खींचते है। इसलिए बीच मे अंधेरा होने के वावजूद गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव होना ब्लैक होल की उपस्थिति का कारण है। अगर आप नहीं जानते की गुरुत्वाकर्षण बल क्या है तो

यह पोस्ट पढ़े – गुरुत्वाकर्षण बल क्या है

ब्रह्मांड में ब्लैक होल का पता कैसे लगा?

  • ब्रह्माण्ड  में दो तारे आपस मे एक दूसरे की परिक्रमा करने लग जाते है और इनके बीच मे एक काला धब्बा दिखाई देता है। यही ब्लैक होल की निशानी है।
  • ब्लैक होल गैलेक्सी के सभी तारो को अपनी और खींचता है जिससे इसके होने की पुष्टि होती है।

हमारी Milky Way के केंद्र में भी एक बड़ा विशालकाय ब्लैक होल है जिसका नाम Sagittarius A* है लेकिन चिंता मत कीजिये हमारी पृथ्वी इसके गुरुत्वाकर्षण के केंद्र में नही है। – Black Hole In Hindi

ब्लैक होल से जुड़े रोचक तथ्य Black Holes Facts

1. अगर कोई व्यक्ति ब्लैक होल से होकर गुजर जाए तो वह भविष्य में पहुंच जाएगा क्योंकि ब्लैक होल में समय बहुत धीमा हो जाता है और हमारी धरती पर समय गतिमान है लेकिन ब्लैक होल को पार करने के लिए हमारी गति प्रकाश की गति से भी तेज होनी चाहिए। ब्रह्मांड में प्रकाश की गति से तेज कोई दूसरी गति नहीं है।

2. आइंस्टीन के अनुसार अगर आप ब्लैक होल में गिर जाए तो आप गिरते ही चले जायेंगे और यह आपके लिये एक अंतहीन यात्रा होगी जिसका कोई छोर नही है।

3. ब्लैक होल में आप पीछे मुड़कर भी नही देख सकते है क्योंकि यहां Time और Space नष्ट हो जाता है। आपकी कोई भी इच्छा काम नही करेगी।

4. एक बार आप अगर ब्लैक होल में गिर गए तो वापस निकलना असम्भव है लेकिन स्टीफेन हाँकिन्स के अनुसार आपके विचार वापस लाये जा सकते है, आपका शरीर जरूर खत्म हो जाएगा।

5. इवेंट होराइज़न टेलिस्कोप के द्वारा वर्ष 10 अप्रेल, 2019 को मानव इतिहास में पहली बार किसी ब्लैक होल की तस्वीर ली गयी थी।

ब्लैक होल के दूसरी तरफ क्या है, यह अभी भी रहस्य ही है क्यूंकि इसके पार निकल पाना नामुमकिन है । इसके पार तभी निकला जा सकता है जब आपकी गति प्रकाश से तेज हो।

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तो दोस्तों आपको ब्लैक होल क्या है (What Is Black Hole In Hindi), ब्लैक होल की खोज, सुपरनोवा और ब्लैक होल के रोचक तथ्य के बारे में जानकारी कैसी लगी। यह पोस्ट “Information About Black Hole In Hindi” पसंद आयी हो तो इसे शेयर भी करे। 

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